अल्मोड़ा के मारचुला में हुए हादसे ने परिवहन विभाग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालात ये हैं कि आज परिवहन विभाग में एआरटीओ के 11 पद खाली हैं। कर अधिकारी या अन्य अफसरों के भरोसे काम चल रहा है। परिवहन अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नए अफसर तैनात किए जाएंगे।
परिवहन विभाग में अफसरों की भारी कमी है। एआरटीओ के 11 पद खाली होने के चलते इन सभी जगहों पर प्रभारी व्यवस्था चल रही है। प्रभारी होने के नाते उन अधिकारियों के पास दोहरी जिम्मेदारी है। इससे वे न तो वाहनों के प्रवर्तन का काम ठीक से कर पा रहे हैं और न ही अपना मूल काम। परिवहन विभाग के लिए इस तरह के हादसे हमेशा सिरदर्द बनकर खड़े होते हैं।
43 सीट क्षमता वाली जो बस हादसे का शिकार हुई, उसमें 63 यानी करीब डेढ़ गुना ज्यादा सवारियां थीं। सवाल यह भी उठ रहा है कि पौड़ी से चली इस बस को क्या रामनगर परिवहन क्षेत्र या अन्य कहीं भी चेक नहीं किया गया। हालांकि, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह का कहना है कि वाहन के सभी कागज जांच में सही पाए गए हैं। जहां भी चूक हुई है, उसकी जांच की जा रही है।
संयुक्त परिवहन आयुक्त ने बताया कि नए एआरटीओ की नियुक्ति तो हो चुकी है लेकिन अभी उनका प्रशिक्षण चल रहा है। इसके के बाद उनकी तैनाती होगी। माना जा रहा है कि आगामी पांच से सात माह में विभाग को नए अफसर मिल जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स में जाना घायलों का हाल
अल्मोड़ा सड़क हादसे में छह गंभीर घायलों को हेलिकॉप्टर के माध्यम से एम्स ऋषिकेश लाया गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एम्स पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना और शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। कहा कि सभी घायलों को हरसंभव सहायता और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने एम्स प्रशासन को निर्देश दिए कि घायलों के उपचार में किसी भी प्रकार की कोताही न की जाए और बेहतर उपचार मुहैया कराया जाए।