शिकायतों के आधार पर 30 मदरसों की मान्यता रद्द
हरिद्वार में 30 मदरसों पर कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कदम इन मदरसों में अनियमितताओं और अवैध गतिविधियों के आरोपों के चलते उठाया गया है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी द्वारा इन मदरसों की जांच रिपोर्ट मदरसा बोर्ड को सौंपी गई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।
मदरसों में पारदर्शिता और सिलेबस सुधार पर जोर
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून काज़मी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार पर विशेष ध्यान दे रही है। मदरसा बोर्ड भी पारदर्शिता और आधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले मदरसों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
अन्य मदरसों पर भी जांच जारी
मुफ्ती शमून काज़मी ने बताया कि हरिद्वार के जिन 30 मदरसों पर कार्रवाई हुई है, वे लंबे समय से शक के दायरे में थे। इनकी गतिविधियां सरकार की परिकल्पना के अनुरूप नहीं थीं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अन्य मदरसों की जांच प्रक्रिया चल रही है। अगर कोई अन्य मदरसा भी नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पंजीकृत और गैर-पंजीकृत मदरसों पर समान दृष्टिकोण
मदरसों पर सख्ती केवल मदरसा बोर्ड में पंजीकृत संस्थानों तक ही सीमित नहीं रहेगी। गैर-पंजीकृत निजी मदरसों में भी अनियमितताओं के मामलों में सख्त कदम उठाए जाएंगे।
दिसंबर में बोर्ड की अहम बैठक
मुफ्ती काज़मी ने बताया कि इस महीने के अंत में 30 दिसंबर को मदरसा बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें मदरसों की परफॉर्मेंस की समीक्षा की जाएगी और उसी आधार पर नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
सरकार और बोर्ड की शिक्षा सुधार पहल
उत्तराखंड सरकार और मदरसा बोर्ड शिक्षा में सुधार लाने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं। यह पहल मदरसों को पारदर्शी, जवाबदेह और आधुनिक शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पुलिस की कार्रवाई
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार यह कदम उठाया गया है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित करना, अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
जांच के मुख्य बिंदु
- पंजीकरण की जांच:
अवैध और बिना पंजीकरण के संचालित मदरसों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी। - बच्चों का सत्यापन:
मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों, विशेषकर बाहरी राज्यों से आए बच्चों, की पहचान और स्थिति का सत्यापन किया जाएगा। - फंडिंग की जांच:
मदरसों को मिलने वाली फंडिंग के स्रोतों का गहन विश्लेषण किया जाएगा।
एक महीने में मांगी विस्तृत जांच रिपोर्ट
सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वे एक महीने के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी मदरसे कानून के दायरे में रहकर ही कार्य करें।
बच्चों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था प्राथमिकता
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस जांच प्रक्रिया का प्राथमिक उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है।
पुलिस की सख्त निगरानी
यह कदम उत्तराखंड में मदरसों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। पुलिस की जांच के बाद संदिग्ध मदरसों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।