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हरिद्वार से त्रिवेंद्र को टिकट, राजनीतिक वनवास से हुई वापसी, जानें उनके बारे में खास बातें

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हरिद्वार संसदीय सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने चुनावी चौसर पर अपनी चाल चल दी है। अब कांग्रेस के एलान का इंतजार है। हरिद्वार सीट से कांग्रेस पूर्व सीएम हरीश रावत या उनके बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दे सकती है। यदि ऐसा होता है तो हरिद्वार दो रावतों की जंग का अखाड़ा बनेगा।

बहरहाल, हरिद्वार से उम्मीदवारी मिलना त्रिवेंद्र के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को एक राजनीतिक अवसर का इंतजार था। कुछ अवसरों पर संगठन में उन्हें अहम जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाएं गरमाती रहीं। लेकिन हर बार त्रिवेंद्र समर्थकों को मायूस होना पड़ा। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते।

हालांकि त्रिवेंद्र अपनी राजनीतिक सक्रियता बनाए रहे। उन्होंने धैर्यपूर्वक अवसर का इंतजार किया। पूरे राज्य का दो बार दौरा किया। हरिद्वार चुनाव क्षेत्र में भी उनकी राजनीतिक सक्रियता रही है। हरिद्वार लोस सीट में शामिल डोईवाला में त्रिवेंद्र का तगड़ा प्रभाव और समर्थकों की एक बड़ी फौज है। भाजपा शासित धर्मपुर और ऋषिकेश सीट में भी त्रिवेंद्र का बड़ा प्रभाव माना जाता है। मुख्यमंत्री की भूमिका में त्रिवेंद्र की हरिद्वार जिले में भी काफी सक्रियता रही।

इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में आए। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते। हरिद्वार के राजनीतिक समीकरणों से त्रिवेंद्र भलीभांति वाकिफ हैं। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी मैजिक के साथ त्रिवेंद्र को हरिद्वार के चुनावी समर में काफी पसीना बहाना होगा।

जानिए कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत

  • जन्म-20 दिसंबर 1960 पौड़ी गढ़वाल में
  • शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि
  • पत्रकारिता में डिप्लोमा

राजनीतिक जीवन

  • 1979 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े
  • 1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री
  • 1997 भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री
  • 2002 विधानसभा चुनाव में डोईवाला विधानसभा से जीते
  • 2007 डोईवाला विस से चुनाव जीते, मंत्री बनें
  • 2012 में रायपुर विस से चुनाव हारे
  • भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे, झारखंड व यूपी के सह प्रभारी रहे
  • 17 मार्च 2017 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने
  • मार्च 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया
  • 2022 के चुनाव पार्टी ने उन्हें डोईवाला से टिकट नहीं दिया

हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता- त्रिवेंद्र

त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि मां गंगा के द्वार हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता रहा है। इसी लोस के डोईवाला विस की जनता ने मुझे विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। उनका प्यार सदा मेरे साथ रहा। मैंने भी उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दिया। पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से वर्षों तक एक जनसेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन किया ताकि कभी भी मेरे कारण उन्हें सिर झुकाना न पड़े। पार्टी ने मुझे हरिद्वार लोस की सेवा करने का मौका दिया, इसके लिए पीएम मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करता हूं।

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