एक बार फिर विवादो मे कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल का विभाग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद भ्रष्ट अधिकारी ट्रांसफर रुकवाने और पहाड़ पर ना जाने के नाम पर कुछ भी कर गुजरने को लेकर हर काम करने को तैयार है, शायद यही कारण है की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्राधिकरणों के ट्रांसफर सूची पर अपनी मुहर लगाकर जो आदेश 18 जुलाई को स्थानांतरण के लिए आदेश जारी किया था उसको भी मंत्री के द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है या फिर ये कहे की अनदेखा ही किया जा रहा है।कई अधिकारियो के कार्यमुक्त होने के बावजूद भी नयी नियुक्त जगह पर इतने दिन बाद भी कार्य भार ग्रहण ना करने का,सीधा सीधा अर्थ है कोई बड़ा खेल परदे के पीछे खेला जा रहा है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार धामी जी आदेश को ये विवादित मंत्री रद्दी की टोकरी समझते है और अक्सर देखा जाता है की अधिकारी पहाड़ों मै जाने से बचते हुए नजर आते है, और इससे ही बचने के लिए नोटो का पिटारा तक खोल देते है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सहायक अभियन्ता पंकज पाठक ने अपने स्थानांतरण आदेश को नैनीताल से देहरादून करने के लिए 40 लाख रुपये खर्च किये है! ये सूत्र इसलिए सत्य प्रतीत होते है कि मात्र 5 महीने मे नैनीताल से देहरादून आना ये साफ साबित करता है कि भ्रष्टाचार की गंगा मे धामी सरकार और उसके मंत्री गोते लगा रहे है।