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जल्द हो सकता है धामी कैबिनेट का विस्तार , कुछ मंत्रियों की जा सकती है कुर्सी किन विधायकों को मिल सकता है ताज ?

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देहरादून

धामी सरकार 0.2 का लगभग आधा कार्यकाल बीत चुका है लेकिन वर्तमान में विधानसभा की संख्याबल के अनुसार मंत्रिपरिषद में 4 पद अभी भी खाली चल रहे है जिन्हें जल्द भरा जा सकता है उसको लेकर पार्टी स्तर पर भूमिका तैयार की जा रही । इसबार होने वाला मंत्रिपरिषद का विस्तार वर्तमान सरकार का अन्तिम विस्तार हो सकता है जिसमे कैबिनेट की सभी रिक्त सीटे फुल की जा सकती है और इस बार होने वाले विस्तार में कई विवादित और समीकरण के आधार पर अनफिट होने वाले चेहरों को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है जबकि समीकरण के आधार पर ही कुछ नये व कुछ वरिष्ठ चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है ।

सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार
इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में धामी कैबिनेट में डॉ धन सिंह रावत, प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, गणेश जोशी, रेखा आर्य कुल 7 मंत्री है इसके मुताबिक अभी 4 मंत्रियों को और बनाया जा सकता है, लेकिन इस ढाई साल के कार्यकाल के दौरान वर्तमान मंत्रिपरिषद का रिपोर्टकार्ड , क्षेत्रीय , जातीय व वरिष्ठता को आधार मानते हुए कुछ वर्तमान मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है जिसमे मुख्य रूप से गणेश जोशी, प्रेमचंद अग्रवाल,सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य , के नाम की चर्चा है इनमें से 3 मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है ।

इसके बाद अगर मंत्रियों के सम्भावित चेहरों की बात करे तो उनमें से बड़ा नाम बिशन सिंह चुफाल का है जो पूर्व में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रह चुके है और वर्तमान में लगातार छठीं बार एक ही सीट से विधायक है , दूसरे नाम की बात करें तो उसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ,पूर्व कैबिनेट मंत्री व 5वीं बार के विधायक मदन कौशिक का नाम आता है यदि गढ़वाल के मैदानी क्षेत्र हरिद्वार से इनको मंत्रिपरिषद में शामिल नही किया जाता है तो दूसरा नाम रानीपुर विधायक आदेश चौहान का है जो लगातार तीसरी बार जीत कर आये है और पार्टी के पुराने कार्यकर्ता है , वंही गढ़वाल से ही दूसरे नाम की बात करें तो देहरादून की रायपुर विधानसभा से लगातार तीसरी बार के विधायक उमेश शर्मा काऊ जोकि मूल रूप से कांग्रेसी पृष्ठभूमि के है लेकिन 2016 में हरीश रावत सरकार को गिराने वाले विधायकों में शामिल थे तभी से भाजपा के साथ जुड़े है यदि देहरादून से एक ब्राह्मण चेहरे के तौर पर गणेश जोशी के खिलाफ चल रही खबरों के अनुसार हटाया जाता है तो काऊ और दूसरा बडा नाम भाजपा के सच्चे सिपाही ,संगठन के मूल से जुड़े कार्यकर्ता , राज्य आंदोलनकारी रहे सभासद से राजनीतिक कैरियर की सुरुआत करते हुए नगरपालिका देहरादून के चेयरमैन , 2 बार मेयर व दूसरी बार के विधायक वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद चमोली का नाम आता है यदि उमेश शर्मा काऊ को मंत्री बनाने में वरिष्ठ नेताओं की न चली तो विनोद चमोली का मंत्रिपरिषद में आना तय है,तीसरे बड़े चेहरे की बात करे तो गढ़वाल कुमाऊँ के अतिरिक्त राजनीतिक अनुभव के आधार पर देखा जाए तो जौनसार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले उत्तर प्रदेश की विधानसभा से लेकर उत्तराखंड की विधानसभा तक अपने संबैधानिक अनुभव के लिए चर्चित कई पार्टियों में भले ही रहे हो लेकिन कई बार के विधायक रहे वर्तमान में विकासनगर सीट से भाजपा के टिकट पर लगातार दूसरी बार के विधायक मुन्ना सिंह चौहान का नाम भी चर्चाओं में है, इसके बाद अगर बात एससी समाज की करें तो कुमाऊँ क्षेत्र से आने वाले चन्दनराम दास की जगह अगर वंही से रिक्तता दूर की जाएगी तो पहली बार के विधायक फ़क़ीरराम टम्टा को मंत्री बनाया जा सकता है यदि गढ़बाल से एससी समाज को साधने के प्रयास रहा तो पुरोला उत्तर काशी से विधायक दुर्गेशश्वर लाल का नाम भी चर्चाओं में है दुर्गेशश्वर लाल सबसे यंग विधायक होने के साथ साथ शिक्षित व अपने क्षेत्र में वेहतर काम करने के लिए चर्चित है और तीसरे नाम की बात करे तो पूर्व मंत्री रहे संगठन में वरिष्ठ पदों पर रहते हुए वेहतर कार्य करने वाले 3 बार के विधायक खजान दास को भी मंत्री बनाया जा सकता है

लेकिन उनके साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह देहरादून जनपद से विधायक है इसलिए उनके नाम मे संशय बरकरार है, वंही गढ़वाल क्षेत्र की ही बात करे तो यदि सुबोध उनियाल को मंत्रिपरिषद से हटाया जाता है तो उनकी जगह टिहरी जनपद से विनोद कण्डारी को मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है क्योंकि कण्डारी ने युवामोर्चा में रहते हुए पार्टी के लिए बेहतर कार्य किया और लगातार दूसरी बार देवप्रयाग से विधायक है वंही गढ़वाल से ही अगर सतपाल महाराज को कैबिनेट से मुक्ति मिलती है तो उनकी जगह एक सनातनी व भगवाधारी चेहरे के रूप में कई बार लैंसडाउन विधानसभा से विधायक रहे दिलीप रावत की लॉटरी खुल सकती है

इसके साथ ही क्षेत्रीय , जातीय व लिंग के आधार पर सन्तुलन साधने की बात करें तो रुद्रपुर के तराई क्षेत्र के पंजाबी समुदाय से पहली बार के विधायक शिव अरोड़ा का नाम आता है वंही महिला संतुलन के आधार पर देखा जाए तो रेखा आर्य की यदि मंत्रिपरिषद से छुट्टी होती है तो उनकी जगह विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी को मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर विशन सिंह चुफाल या पूर्व बीजेपी अध्यक्ष पूर्व मंत्री सबसे वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को बनाया जा सकता है।

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