कोटद्वार में परिवहन विभाग के एक अधिकारी के साथ लेंसडौन विधानसभा के विधायक दिलीप रावत द्वारा अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया है। वहीं दूसरी तरफ अनुकृति गुसाई रावत ने इस व्यवहार को निंदनीय बताया साथ ही साथ उनका कहना है कि लैंसडाउन विधायक द्वारा यह कहा जा रहा है कि यह अधिकारी गाड़ियों से अवैध वसूली कर रहा था। अगर ऐसा है तो सबसे पहले पूरी भाजपा सरकार पर वे सवाल खड़े कर रहे हैं कि सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई।
जिसके अधिकारी इतने बेलगाम हो चुके हैं कि वह भाजपा विधायक के लोगों तक को नहीं छोड़ रहे हैं। साथी उनका खुद का विश्वास अपने सरकार की उन संस्थाओं से उठ चुका है। जिनके ऊपर भ्रष्टाचार को रोकने का जिम्मा है। सुबह-शाम सरकार ढोल बजा बजा कर विजिलेंस विभाग के नंबरों को जारी करती है और कहती कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी के खिलाफ सूचना दें। क्या विजिलेंस विभाग सिर्फ राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ काम करने के लिए बनाए गए हैं। क्या इन संस्थानों पर लैंसडाउन विधायक का विश्वास नहीं है जो वह खुद अधिकारी को सबक सिखाने चले गए और या फिर भाजपा सरकार में इनकी सुनवाई बंद हो चुकी है।
अगर ऐसा है तो अब उन्हें राजनीति से संन्यास लेना चाहिए।