
गुरमीत राम रहीम को 12वीं बार पैरोल मिलने पर विवाद हो रहा हैं। उन्हें 2017 में दो महिला शिष्यों से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद उन्हें 20 साल की सजा सुनाई गई थी। तब से, वह कई बार पैरोल पर बाहर आ चुके हैं। अभी कुछ महीनो पहले हरयाणा विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्हें बेल मिल गई थी इस बार, उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 30 दिन की पैरोल मिली है, जो कि 2020 के बाद से उनकी सबसे लंबी पैरोल है।
- इससे पहले, वह कुछ धार्मिक कार्यों के लिए बाहर आ चुके थे, और इस बार भी उनकी पैरोल पर कई सवाल उठ रहे हैं, खासकर इस वजह से कि वह एक बड़ा धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव रखते हैं। उनके बाहर आने को कुछ लोग राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देख रहे हैं, यह मानते हुए कि इससे कुछ खास समुदाय को प्रभावित किया जा सकता है।
दिल्ली चुनाव के दौरान इस प्रकार की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए विपक्ष और अन्य राजनीतिक दलों ने इसे चुनावी दबाव और रणनीति का हिस्सा बताया है। हालांकि, सरकार की ओर से यह कहा गया है कि पैरोल का निर्णय मानक प्रक्रिया के तहत लिया गया है और इसमें किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया गया।