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देहरादून निगम मे 300 करोड़ का होर्डिंग घोटाला !!

Hoarding scam worth Rs 300 crore in Dehradun Corporation

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कागज—फाइल सब मौजूद फिर भी क्यों नहीं किये जांच के आदेश?

देहरादून। नगर निगम में हुए होर्डिंग घोटाले को लेकर अब मेयर सुनील उनियाल गामा जिनका कार्यकाल इसी साल पूरा होने वाला है और इस करोडों़ के घोटाले का खुलासा करने वाले कांग्रेस नेता अभिनव थापर आमने—सामने आ गए हैं।

उल्लेखनीय कि बीते दिन कांग्रेसी नेता अभिनव थापर ने नगर निगम में हुए इस बड़े होर्डिंग घोटाले का खुलासा पत्रकार वार्ता में किया था। जिसके बाद मेयर उनियाल ने कहा था कि उनका इस होर्डिंग घोटाले से कोई संबंध नहीं है टेंडर एक प्रक्रिया है जिसके बाद ही काम दिया जाता है अगर कहीं कुछ गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच कराई जाएगी।

कांग्रेस नेता अभिनव थापर का कहना है की जांच की बात कर मेयर गामा इस बड़े घोटाले पर लीपापोती करने में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने 11 अक्टूबर 2023 को इस मामले में उन्हे पत्र सौंपा था जिस पर उन्होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उनका कहना है कि अब उनका कार्यकाल भी समाप्त होने वाला है तथा 30 नवंबर को वर्तमान नगर निगम बोर्ड की अंतिम बैठक होने वाली है। इसके बाद नगर निगम में प्रशासक नियुक्त कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि मेयर सुनील उनियाल गामा के पास अभी जो संवैधानिक अधिकार है उनका अगर वह इस्तेमाल करें तो वह अभी इस घोटाले की जांच के आदेश कर सकते हैं। उनका कहना है कि लेकिन उन्हें उनकी ऐसी कोई मंशा दिखाई नहीं दे रही है।

उल्लेखनीय है कि थापर ने अपनी पत्रकार वार्ता में एक सुनियोजित तरीके से इस घोटाले को अंजाम दिए जाने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा था कि अगर सीएम इसकी जांच करायें तो यह 300 करोड़ से अधिक का घोटाला है जिसमें नगर निगम को भी करोड़ों का नुकसान पहुंचा है, तथा हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया गया है। ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को नियमावली को ताक पर रखकर टेंडर दिए जाने का आरोप भी थापर ने लगाया था। थापर ने कहा है कि मेयर सुनील उनियाल भी जांच की बात कर क्यों रहे हैं जांच कराते क्यों नहीं है।

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