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देहरादून में पहली बार आयोजित की गई क्लाइमेट फ्रेस्क वर्कशॉप: युवा बने बदलाव के वाहक

Climate Fresh Workshop organized for the first time in Dehradun: Youth become agents of change

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उत्तराखंड ने पर्यावरण शिक्षा में आज एक नई शुरुआत की है, जब वेस्ट वॉरियर्स संस्था ने हाई एनवायर्नमेंटल एंड सोशल इम्पैक्ट इंडिया के साथ मिलकर गांधी पार्क, देहरादून में राज्य की पहली क्लाइमेट फ्रेस्क वर्कशॉप आयोजित की है। इस वर्कशॉप में 50 से अधिक युवाओं ने हिस्सा लिया। प्रोजेक्ट युवा वेस्ट वॉरियर्स की एक पहल है, जो उन युवाओं को सशक्त बनाने का प्रयास करती है जो पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के लिए गंभीरता से कदम उठाने के इच्छुक हैं।

इस कार्यशाला का संचालन जूलियन बनासजुक, डिंपल असोपा, और मोनिका शर्मा के द्वारा किया गया। सत्र के दौरान प्रतिभागियों ने आईपीसीसी रिपोर्ट पर आधारित एवं प्रदान की गई 42 फोटो कार्ड्स की मदद से जलवायु परिवर्तन के कारण और उसके प्रभावों को समझा। ये फोटो कार्ड्स न केवल शिक्षा का माध्यम बने, बल्कि रचनात्मकता और सहयोग के ज़रिए समाधान तलाशने का भी ज़रिया बने। यह पहली बार था जब क्लाइमेट फ्रेस्क, जो अब तक 162 देशों में 20 लाख से अधिक लोगों को शिक्षित कर चुका है, उत्तराखंड में आयोजित हुआ। इस वर्कशॉप में युवाओं ने एकजुट होकर जलवायु परिवर्तन को समझने और समाधान की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण सीख हासिल की।

प्रोजेक्ट युवा का मकसद युवाओं को उनकी जलवायु यात्रा की शुरुआत करने के लिए प्रेरित करना है। इस साल, इस पहल के तहत 4500 से अधिक पर्यावरणीय और जलवायु कार्रवाई से जुड़े कदम उठाए गए हैं। वेस्ट वॉरियर्स के इस प्रयास से यह साबित होता है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर युवा असली बदलाव ला सकते हैं।

फ्रेस्क वर्कशॉप में युवाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘Lifestyle for Environment’ (LiFE) पहल को भी अच्छे से समझा। इस पहल के तहत 21 दिन का एक चैलेंज दिया गया था जिसमें प्रतिभागियों को 21 दिनों तक सतत जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। इस वर्कशॉप में दून विश्वविद्यालय, उत्तरांचल (P.G.) कॉलेज ऑफ बायो-मेडिकल साइंसेज और अस्पताल, श्री देवभूमि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, और देहरादून डिफेंस अकादमी के छात्रों ने भाग लिया।

“युवराज सिंह, प्रोजेक्ट युवा के मैनेजर, का कहना है कि, “हम भविष्य में भी ऐसी वर्कशॉप्स का आयोजन करते रहेंगे, ताकि युवा अपनी जलवायु यात्रा की शुरुआत कर सकें और पर्यावरण संरक्षण के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें। इस वर्कशॉप से मिली जागरूकता और ज्ञान उन्हें उनकी जलवायु यात्रा में मजबूत कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा।”

इस वर्कशॉप ने यह साबित कर दिया कि जब युवा एकजुट होकर सीखते और बदलाव के लिए काम करते हैं, तो वे बड़े पैमाने पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

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