

भुजंगासन
भुजंगासन को सर्पासन भी कहते हैं, जिसमें शरीर की मुद्रा सांप जैसी होती है। इस आसन के अभ्यास के लिए पेट के बल लेट जाएं और हथेलिियों को कंधों के पास रखें। सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और सिर ऊपर रखें। 20-30 सेकंड तक रुकें। इस आसन का अभ्यास रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है। गर्दन और पीठ के तनाव को कम करता है। साथ ही कंधों को रिलैक्स करता है।

मार्जरी आसन
मर्जरी आसन के अभ्यास से गर्दन की अकड़न दूर होती है। यह पीठ को लचीला बनाता है और गर्दन व पीठ के बीच के हिस्से को स्ट्रेच करता है। इस आसन के अभ्यास के लिए टेबलटॉप पोजिशन में आएं। सांस लेते हुए सिर ऊपर और पीठ नीचे करें। फिर सांस छोड़ते हुए सिर नीचे और पीठ ऊपर करें। इस आसन को 8-10 बार दोहराएं।

वज्रासन में गर्दन रोटेशन
वज्रासन का अभ्यास कई स्वास्थ्य लाभ देता है। वज्रासन की मुद्रा में बैठकर गर्दन को रोटेट करने से गर्दन की सख्ती दूर होती है। साथ ही गर्दन के पीछे की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। इसके अभ्यास के लिए वज्रासन में बैठें और धीरे-धीरे गर्दन को दाएं-बाएं घुमाएं, फिर ऊपर-नीचे करें। यह आसन बहुत ही सरल और असरदार है।
ताड़ासन
इस आसन का अभ्यास पूरे शरीर को सीधा और संतुलित करता है। गलत मुद्रा सुधारने में सहायक है। साथ ही गर्दन और रीढ़ की सीध में संतुलन लाता है। ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और एड़ियों पर खड़े हो जाएं। पूरी बॉडी को स्ट्रेच करें और गहरी सांस लें।

शवासन में योग निद्रा
शवासन में योग निद्रा के लिए पीठ के बल लेटकर आंखें बंद करें और ध्यान सांस पर केंद्रित करें। धीरे-धीरे पूरे शरीर को रिलैक्स करें। शवासन के अभ्यास से हंप की वजह बना तनाव कम होता है। यह रीढ़ को रिलैक्स करता है और इशके नियमित अभ्यास से बॉडी पोस्चर बेहतर होता है।