
चौथी बार के विधायक प्रेमचंद अग्रवाल का विवादों ने पीछा नहीं छोड़ा। विधानसभा अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री बनने तक विवादों से घिरे रहे। वर्तमान में उनके पास वित्त, राज्य कर व संसदीय कार्य की जिम्मेदारी थी। इस बार सदन में क्षेत्रवाद को लेकर दिए बयान से विवादों में आए। उनके इस बयान से भाजपा को असहज होना पड़ा।
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र से 2007 में पहली बार प्रेमचंद अग्रवाल ने विस चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद यहां से चौथी बार के विधायक हैं। 2017 से 2022 तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। लेकिन राजनीति में प्रेम का विवादों ने पीछा नहीं छोड़ा।
विधानसभा अध्यक्ष पद रहते हुए उन पर विधानसभा सचिवालय में बैकडोर से नियम विरुद्ध तदर्थ नियुक्तियां करने के आरोप लगे। पूर्व आईएएस डीके कोटिया समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 2016 से 2021 के बीच की गई 228 नियुक्तियां रद्द कर कर्मचारियों को बर्खास्त किया था। उस समय भी विपक्ष की ओर से अग्रवाल पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया जा रहा था।
उपनल के माध्यम से बेटे की नियुक्ति पर उठे थे सवाल
वर्ष 2018 में विधानसभा अध्यक्ष पद रहते हुए बेटे को उपनल के माध्यम से जल संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्ति देने पर सवाल उठे थे। विवाद के बाद बेटे को जल संस्थान से हटाया गया। विपक्ष के साथ विभिन्न संगठनों से आरोप लगाते हुए सवाल उठाए थे कि उपनल के माध्यम से पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को नौकरी दी जाती है। ऐसे में मंत्री के बेटे को कैसे नियुक्ति दी गई।
भगत राम कोठारी से हुई तीखी झड़प