
देहरादून
उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में 5 अगस्त को आई विनाशकारी बाढ़ ने धराली-हर्षिल इलाके में तबाही मचाने के साथ ही सभी मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप कर दिए। सूचना के आदान-प्रदान और राहत कार्यों में भारी बाधा आने लगी। ऐसे में उत्तरकाशी पुलिस ने फुर्ती दिखाते हुए वायरलेस नेटवर्क के जरिए संचार बहाल कर राहत-बचाव कार्यों में नई जान फूंक दी।

पुलिस ने हर्षिल में आर्मी बेस कैंप के निकट 24 घंटे संचालित होने वाला वायरलेस कंट्रोल रूम स्थापित किया। हर्षिल, झाला, गंगोत्री, लंका समेत प्रभावित क्षेत्रों में डिजिटल हार्ड बैंड वायरलेस सेट और हैंड-हेल्ड सेट के जरिए सूचनाएं सीधे जिला मुख्यालय और आपदा कंट्रोल रूम देहरादून तक पहुंचाई जाने लगीं। NDRF, SDRF, ITBP जैसी केंद्रीय एजेंसियों को 15 डिजिटल हार्ड बैंड सेट, 42 हैंड-हेल्ड सेट और आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

घटना के तुरंत बाद पुलिस की सात सदस्यीय संचार टीम धराली पहुंची और हेलीकॉप्टर के माध्यम से विभिन्न चौकियों व कंट्रोल रूम में 14 संचार कर्मियों की तैनाती कर दी। मोबाइल नेटवर्क के अभाव में यही वायरलेस सिस्टम राहत-बचाव की रीढ़ बन गया।

इस पूरे अभियान में अपर पुलिस अधीक्षक (संचार) अनूप काला की भूमिका सबसे अलग और प्रेरणादायक रही। वे लगातार 6 दिन तक धराली में डटे रहे, कठिन मौसम, ऊबड़-खाबड़ रास्तों और संसाधनों की कमी के बावजूद उन्होंने खुद मोर्चा संभाला। अनूप काला ने न केवल तकनीकी संचालन की निगरानी की, बल्कि अपनी टीम के साथ प्रभावित इलाकों में जाकर सुनिश्चित किया कि हर राहत टीम को समय पर और सटीक सूचना मिलती रहे। उनकी मौजूदगी ने मौके पर काम कर रही टीमों में आत्मविश्वास और गति दोनों भर दी।

आज भी थाना हर्षिल और चौकी भटवाड़ी सीधे पुलिस वायरलेस कंट्रोल रूम से जुड़े हैं, जिससे जनपद नियंत्रण कक्ष उत्तरकाशी तक संपर्क बना हुआ है। आपदा के बीच पुलिस का यह वायरलेस नेटवर्क और अनूप काला के नेतृत्व में हुई यह त्वरित कार्रवाई राहत-बचाव कार्यों की सबसे मजबूत कड़ी साबित हुई है।



