प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ मालदीव के मंत्रियों के आपत्तिजनक बयान के बाद शुरू हुआ विवाद की आंच अब चीन तक पहुंच गई है।
कई भारतीय पर्यटकों के मालदीव ना जाने की बातों और वहां का बॉयकॉट किए जाने की ख़बरों के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने अपील की है कि चीन मालदीव में अधिक पर्यटकों को भेजने की कोशिश करे।
मुइज़्ज़ू पांच दिवसीय चीन दौरे पर हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मुइज़्ज़ू ने मंगलवार को फ़ुज़ियान प्रांत में आयोजित मालदीव बिजनेस फोरम के कार्यक्रम में चीन को अपना ‘सबसे क़रीबी’ बताया।
उन्होंने कहा, “चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास के साझेदारों में से एक है।
उन्होंने चीन के बेल्ट एंड रोड एनिशिएटिव की तारीफ़ की. मुइज़्ज़ू ने कहा, ”बेल्ट एंड रोड मुहिम के कारण मालदीव में बेहद अहम इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुए हैं.”
उन्होंने चीन से ये भी अपील की कि वो मालदीव में अधिक से अधिक टूरिस्टों को भेजे।
मुइज़्ज़ू ने कहा, “कोविड से पहले चीन मालदीव का नंबर वन मार्केट था और मेरा अनुरोध है कि चीन अपनी पुरानी स्थिति फिर से हासिल करने के लिए प्रयास तेज़ करे. ”
मुइज़्ज़ू ने फ़ोरम में कहा- “मेरे प्रशासन का एजेंडा है कि हम पर्यटन को तो मज़बूत करें ही लेकिन साथ ही अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी विविधता लाएं. पर्यावरण और हमारे समुद्री संसाधनों को ध्यान में रखते हुए ऐसा करेंगे. अगले 10 से 15 साल में हम मालदीव की अर्थव्यवस्था के विकास को लेकर अहम क़दम उठाने के लिए प्रतिब्द्ध हैं. ”
इस पहल में हॉस्पिटैलिटी के टॉप स्कूल और खेल, मेडिकल के क्षेत्र के साथ साथ कल्चरल टूरिज्म पर फ़ोकस होगा. कोविड-19 से पहले चीन पर्यटन के मामले में मालदीव के लिए नंबर-वन देश था मैं चाहता हूं कि चीन फिर से उस जगह को हासिल करे.”
मालदीव के स्थानीय मीडिया के अनुसार दोनों देशों के बीच एक इंडिग्रेटेड टूरिज़्म ज़ोन विकसित करने के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की योजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप के दौरे पर थे. पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की थी. इन पर मालदीव के कुछ मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणी की।
मुइज़्ज़ू सरकार ने तीन डिप्टी मंत्रियों को उनके सोशल मीडिया पर किए गए अपमानजनक पोस्ट के लिए सस्पेंड कर दिया था।
मालदीव एसोसिएशन ऑफ़ टूरिज़्म इंडस्ट्री यानी एमएटीआई ने भी मंत्रियों के इस बयान की कड़ी निंदा की है।