देहरादून
विद्युत वितरण खंड मोहनपुर प्रेमनगर के अंतर्गत आज एक दर्दनाक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। खुले और क्षतिग्रस्त तारों से करंट लगने के कारण पाँच संरक्षित प्रजाति के पक्षियों की मौत हो गई। यह घटना न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही को भी उजागर करती है।
ग्रामीणों का आरोप है कि विद्युत तारों में लीकेज और ढीले कनेक्शन की शिकायतें बार-बार की गईं, यहाँ तक कि अधिशासी अभियंता को बंच केबल बिछाने के लिए ज्ञापन भी सौंपा गया था, लेकिन विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया।
गांववालों का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है—पूर्व में भी इसी क्षेत्र में एक नंदी बैल और एक कुत्ते की मौत करंट लगने से हो चुकी है।
इस घटना से ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है। लोगों ने विद्युत विभाग से तत्काल कार्रवाई और दोषियों पर सख्त दंड की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर विभाग ने जल्द ही क्षतिग्रस्त तारों की मरम्मत और क्षेत्र का निरीक्षण नहीं किया तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पूर्व जीएमवीएन निदेशक एवं पूर्व जिला मंत्री बीजेपी राकेश सेमवाल ने भी विभाग की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि —
“जब बार-बार चेतावनी देने के बावजूद हादसे हो रहे हैं, तो यह साफ तौर पर विद्युत विभाग की निष्क्रियता का परिणाम है। अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
ग्रामीणों की मांग है कि वन्यजीवों और पक्षियों की सुरक्षा के लिए विद्युत लाइनों की नियमित जांच और बंच केबलिंग तत्काल की जाए, ताकि ऐसी मौतें दोबारा न हों।
इस घटना को लेकर भारत न्यूज़ फर्स्ट ने अधिशासी अभियंता से जानकारी लेने के लिए जब संपर्क किया तो उन्होंने कुछ ना बोलते हुए बात को नज़रअंदाज़ कर SDO से बात करने को कहा, हालांकि एसडीओ से बातचीत में उन्होंने बताया कि तारों को कुछ दूरी पर करके सही करा दिया गया है लेकिन केबल का कार्य नहीं हुआ है।



