Breakingउत्तरप्रदेशउत्तराखंडकुमाऊँगढ़वालदिल्लीदेश-विदेशदेहरादूनशिक्षास्पोर्ट्सस्वास्थ्य
Trending

केंद्र सरकार का फिजियोथेरेपिस्ट को तोहफा, अब अपने नाम से पहले लिख सकेंगे ये….

स्वतंत्र प्रैक्टिस का अधिकार: डिग्रीधारी फिजियोथेरेपिस्ट को अब स्वतंत्र रूप से अपनी प्रैक्टिस करने का अधिकार मिलेगा, जैसा कि NCAHP अधिनियम 2021 और पाठ्यक्रम के नियम 3.3.2 में उल्लेखित है।

Listen to this article

“फिजियोथेरेपिस्ट( भौतिक चिकित्सकों) को ‘डॉ.’ Title , NEET से प्रवेश और स्वतंत्र प्रैक्टिस का अधिकार”

नई दिल्ली

भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा फिजियोथेरेपिस्ट के लिए एक बड़ा और अच्छा निर्णय लिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बैठक में बताया कि अनुमोदित और राष्ट्रीय सहायक एवं स्वास्थ्य देखभाल व्यवसाय आयोग (NCAHP) द्वारा जारी ‘भौतिक चिकित्सा के लिए दक्षता-आधारित पाठ्यक्रम 2025’ के अनुसार, अब फिजियोथेरेपिस्ट को कई महत्वपूर्ण अधिकार और सुविधाएँ दी गई हैं:

1. डॉ. उपसर्ग और PT प्रत्यय: फिजियोथेरेपिस्ट अब अपने नाम के आगे ‘डॉ.’ (Dr) उपसर्ग और नाम के बाद ‘PT’ प्रत्यय (suffix) लगा सकेंगे।

2. NEET के माध्यम से प्रवेश: फिजियोथेरेपी कार्यक्रम में प्रवेश अब ‘राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा’ (NEET) के माध्यम से किया जाएगा।

3. स्वतंत्र प्रैक्टिस का अधिकार: डिग्रीधारी फिजियोथेरेपिस्ट को अब स्वतंत्र रूप से अपनी प्रैक्टिस करने का अधिकार मिलेगा, जैसा कि NCAHP अधिनियम 2021 और पाठ्यक्रम के नियम 3.3.2 में उल्लेखित है।

4. रेडियोलॉजिकल और हेमाटॉलॉजिकल एंड बायोकेमिस्ट्री इन्वेस्टिगेशंस जांच लिखने का अधिकार: फिजियोथेरेपिस्ट को अब रोग निदान (Diagnosis) के लिए रेडियोलॉजिकल, haematological, biochemical आदि, जांच लिखने का अधिकार भी दिया गया है।

यह निर्णय फिजियोथेरेपिस्टों को उनकी पेशेवर भूमिका में अधिक स्वायत्तता प्रदान करेगा और उन्हें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देगा। इन संशोधित नियमों के अनुसार, अब फिजियोथेरेपिस्ट को स्वायत्तता प्राप्त है, जिससे वे स्वतंत्र रूप से अपनी सेवाएँ प्रदान कर सकेंगे।

यह घोषणा इसलिए की गई है क्योंकि फिजियोथेरेपी एक उच्च शिक्षा का क्षेत्र है और फिजियोथेरेपिस्ट को एक विशेषज्ञ के रूप में मान्यता प्राप्त है। Shiksha के अनुसार. अब वे अपने नाम के आगे “डॉ” और “पीटी” (फिजियोथेरेपी) लिख सकते हैं।

इस अच्छे निर्णय को लेकर फिजियोथेरेपिस्टों में ख़ुशी की लहर है उत्तराखंड प्रांतीय भौतिक चिकित्सा सेवा संघ ने इस निर्णय का स्वागत किया है और फिजियोथेरेपिस्टों ( भौतिक चिकित्सक )को सम्मान व स्वायत्तता प्रदान करने के इस कदम के लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।
संघ ने कहा कि यह बदलाव फिजियोथेरेपी पेशे के विकास में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ आलोक त्यागी (PT)
प्रदेश महासचिव डॉक्टर मुनीश रस्तोगी ( PT) एवं अन्य पदाधिकारी ने आभार जताया है।

FAIZAN KHAN REPORTER

रिपोर्टर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!