हल्द्वानी
रविवार को उत्तराखण्ड प्रान्तीय भौतिक चिकित्सा सेवा संघ की प्रान्तीय बैठक हल्द्वानी में एक निजी होटल में आहुत की गई। उक्त बैठक में संघ के अध्यक्ष डॉ आलोक त्यागी के नेतृव में संगठन के पदाधिकारियों के द्वारा निम्न महत्वपूर्ण बिदुओं पर चर्चा की गई।
1- आई.पी. एच. एस. मानकों के अनुसार प्रदेश के समस्त सामुदायिक स्वास्थय केन्द्रों पर भौतिक चिकित्सकों पदों का सृजन
2- केंद्र के समान समस्त भौतिक चिकित्सकों का पदोन्नित वेतनमान उच्चीकृत किया जाय।
3- उत्तराखंड भौतिक चिकित्सकों की लम्बित पदोन्नति एवं सेवानियमावली का गठन
4- उत्तराखंड में समस्त भौतिक चिकित्सको का भी डी.ए. सी.पी (D.A.C.P) लागू हो।
5- नर्सिंग एवं फारमेसी सर्वग के भांती’ भौतिक चिकित्सक’ पदनाम में भौतिक ‘चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी किया जाय।
6- मेडिकल कॉलेजो में तैनात चिकित्सा विभाग के भौतिक चिकित्सकों का शीघ्र स्वास्थ्य विभाग में समायोजित किया जाय।
अध्यक्ष आलोक त्यागी ने बताया कि फिज़िओथेरपी का मतलब जीवन को पहचानना और उसकी गुणवत्ता को बढ़ाना है, साथ ही साथ लोगों को उनकी शरीरिक कमियों से बाहर निकालना, निवारण, इलाज बताना और पूर्ण रूप से आत्म-निर्भर बनाना है। यह शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक क्षेत्र में अच्छी तरह से काम करने में मदद देता हैं। फिज़िओथेरपी में डाक्टर, शारीरिक चिकित्सक, मरीज, पारिवारिक लोग और दूसरे चिकित्सकों का बहुत योगदान होता हैं। इसी क्रम में हमारी राज्य सरकार से माँग है कि भौतिक चिकित्सा कर्मचारियों के पदों का सृजन हो , और मेडिकल कॉलेजों में तैनात भौतिक चिकित्सकों का स्वास्थ्य विभाग में रखने पर विचार किया जाए।
बैठक में आलोक त्यागी प्रदेश अध्यक्ष,मनीष रस्तोगी महासचिव,रमेश शाह वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अश्वनी लसियाल कोषाध्यक्ष, विकास धस्माना संगठन मंत्री ,सुनील चंद ठाकुर संयुक्त सचिव, प्रमोद ओझा प्रवक्ता कुमाऊं, प्रीति पांडे, वर्षा आर्य ,नीतू आर्या ,पूर्णिमा वर्मा ,रोहित सक्सेना मनीष कांडपाल ,मदन गोस्वामी मौजूद रहे।