
देहरादून
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर जिला प्रशासन शहरी क्षेत्रों में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पूरी तत्परता से जुटा हुआ है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर नगर निगम क्षेत्र को 12 भागों में विभाजित करते हुए जलभराव पर निगरानी के लिए तीन त्वरित प्रतिक्रिया टीमें (QRT) गठित की गई हैं। इन टीमों की निगरानी का जिम्मा सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम हरिगिरी और एसडीएम कुमकुम जोशी को सौंपा गया है।
प्रशासन द्वारा जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में मैनपावर और मशीनरी की तैनाती की गई है, ताकि जल निकासी में देरी न हो और समस्या का त्वरित समाधान किया जा सके।
प्रमुख चौक-चौराहों पर सक्रिय हैं 17 डी-वाटरिंग पंप
जिला प्रशासन ने संवेदनशील क्षेत्रों जैसे प्रिंस चौक, बल्लुपुर चौक, पंडितवारी, सीमाद्वार, कैंट एरिया, आईटी पार्क, सहस्रधारा रोड, छह नंबर पुलिया, रिस्पना कैचमेंट, अधोईवाला, कांवली रोड, चंद्रबनी, आईएसबीटी, बंगाली कोठी, बंजारावाला, आरकेडिया ग्रांट आदि क्षेत्रों में 17 हाई स्पीड डी-वाटरिंग पंप स्थापित किए हैं।
बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति में ये हाई प्रेशर पंप पानी की निकासी में बेहद कारगर साबित हो रहे हैं। प्रिंस चौक पर जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने पर QRT ने स्मार्ट सिटी और पीआईयू के सहयोग से डी-वाटरिंग पंप का उपयोग करते हुए कुछ ही मिनटों में पानी निकालकर यातायात को पुनः सामान्य किया।
जलभराव क्षेत्रों में QRT की रेगुलर गश्त
जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत क्यूआरटी टीमें लगातार जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रही हैं। अतिवृष्टि के दौरान QRT ने प्रिंस चौक, बल्लूपुर, रिस्पना कैचमेंट, चंद्रबनी, आईएसबीटी और बंजारावाला आरकेडिया ग्रांट क्षेत्रों का स्थलीय दौरा किया।
QRT के अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश के बावजूद अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति नहीं बनी और यातायात सुचारू रूप से चलता रहा। जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने पर डी-वाटरिंग पंप्स की सहायता से समस्या का तुरंत निस्तारण किया गया।
अलर्ट पर जिला प्रशासन, निर्देश जारी
जिलाधिकारी ने क्यूआरटी के सभी नोडल अधिकारियों को मानसून अवधि के दौरान सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की जल निकासी में बाधा या चोकिंग की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जिला प्रशासन द्वारा 7 एजेंसियों को उपलब्ध कराए गए 17 हाई स्पीड डी-वाटरिंग पंप बारिश के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं, जिससे शहरवासियों को काफी राहत मिली है और आवागमन निर्बाध रूप से जारी है।