उत्तराखंड जैसे ठंडे प्रदेश में बनने वाली व्हिस्की, वोदका या रम की गरमाइश भले ही देशभर के शराबियों को लुभाती हो लेकिन इस रेस में घनघोर ठंडी बीयर ने तेजी से बढ़त बनाई है। यहां की बीयर का स्वाद देश से लेकर विदेशों तक जुबान पर चढ़ रहा है।
आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, राज्य में हाल में बीयर का उत्पादन शुरू हुआ है। इस संबंध में इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्तूबर के आकड़ें बता रहे हैं कि पिछले सात महीनों में 80 हजार से अधिक बीयर की पेटियों का निर्यात हो चुका है। बीयर का उत्पादन राज्य में लगातार बढ़ाया जा रहा है। भगवानपुर में नया बीयर प्लांट स्थापित किया गया है, जिससे इसी साल उत्पादन शुरू हुआ है। उससे भी राजस्व में वृद्धि हुई है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बीयर के तीन प्लांट खुल चुके हैं।
28 अक्तूबर तक 2540 करोड़ का राजस्व मिला
वित्त से प्राप्त आकड़ों के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल से लेकर 28 अक्तूबर के बीच 2540 करोड़ का राजस्व हासिल किया जा चुका है, जो कि 2023-24 की इसी समयावधि की तुलना में 98 करोड़ रुपये अधिक है। इस वित्तीय वर्ष में विभाग का सालाना लक्ष्य 4439 करोड़ रखा है। उस लिहाज से आज की तारीख तक 2540 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। इसमें बीयर के साथ विदेशी मदिरा के उत्पादन और निर्यात का भी बड़ा हिस्सा है। बीते सात महीनों में तीन लाख से अधिक पेटियां विदेशी मदिरा की निर्यात हो चुकी हैं।
राज्य में बीयर का उत्पादन और निर्यात बढ़ा है, जिससे बीयर के जरिए राजस्व प्राप्ति में भी तेजी से वृद्धि हुई है। इसके अलावा आबकारी नीति 2024 के पारदर्शी तरीकों और राज्य में अवैध शराब पर अंकुश के चलते भी निर्धारित लक्ष्य के अनुसार बढ़त मिली है। -हरिचंद्र सेमवाल, आबकारी आयुक्त