
दक्षिण कश्मीर स्थित पहलगाम के एक पर्यटक स्थल पर मंगलवार दोपहर बड़ा आतंकी हमला हो गया। बायसरन घाटी के घने जंगलों से आए आतंकियों ने अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटकों पर गोलियां बरसा दीं। यह हमला कब, कहां, कैसे हुआ, इन सवालों के जवाब जानते हैं…
श्रीनगर से 90 किलोमीटर की दूरी पर है पहलगाम। यहां से छह किलोमीटर दूर है बायसरन घाटी, जहां पहुंचने में 30 मिनट का वक्त लगता है। इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है। यहां घास के मैदान हैं। एक तरफ देवदार के घने जंगल हैं। यहां पर्यटक तुलियन झील तक ट्रैकिंग करने के लिए भी आते हैं। यहां पैदल रास्ते या खच्चरों पर बैठकर ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहीं पर हमला हुआ।हमले के वक्त क्या कर रहे थे पर्यटक?
यहां अलग-अलग राज्यों के पर्यटक और विदेशी सैलानी मौजूद थे। घटनास्थल पर खानपान के कुछ ठिकाने बने हुए हैं। कुछ पर्यटक वहां भेलपुरी खा रहे थे। कुछ पर्यटक खच्चरों के जरिए आवाजाही कर रहे थे। कुछ मैदान में बैठकर पिकनिक कर रहे थे।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मंगलवार दोपहर तीन बजे जंगल के रास्ते सेना की वर्दी में आतंकी आए और उन्होंने पर्यटकों से परिचय-पत्र मांगना शुरू कर दिया। परिचय-पत्र से उन्होंने पर्यटकों का मजहब जाना। बताया जा रहा है कि जो पर्यटक हिंदू थे, आतंकियों ने उन्हें गोलियां मारनी शुरू कर दीं। हालांकि, मरने वालों में कुछ विदेशी भी हैं। स्थानीय दुकानदारों और पर्यटकों ने पेड़ों के पीछे जाकर अपनी जान बचाई।किसने ली हमले की जिम्मेदारी?
आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है। पाकिस्तान में बैठा शेख सज्जाद गुल टीआरएफ का प्रमुख है। टीआरएफ की कहानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले के साथ ही शुरू होती है। कहा जाता है कि इस हमले से पहले ही इस आतंकी संगठन ने घाटी के अंदर अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। जम्मू कश्मीर में हाल ही में 85 हजार से अधिक डोमिसाइल जारी किए गए हैं। टीआरएफ यह कहकर लोगों को भड़का रहा है कि ये डोमिसाइल स्थानीय लोगों को नहीं, बल्कि बाहरी लोगों को प्रदान किए गए हैं।

कहां से आए थे आतंकी?
घटनास्थल पर आतंकी देवदार के घने जंगलों के रास्ते आए थे। जानकारी के मुताबिक, यह माना जा रहा है कि आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते आए और फिर कोकरनाग के जरिए दक्षिण कश्मीर के बायसरन पहुंचे। कुछ लोगों ने आतंकियों की संख्या पांच बताई है।
हमले के बाद कहां गए आतंकी?
जहां हमला हुआ, वहां पैदल रास्ते या खच्चरों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। जब तक सुरक्षा बल मौके पर पहुंचते, आतंकी कई पर्यटकों की हत्या कर पहाड़ियों की तरफ भाग निकले। उनके मारे जाने या पकड़े जाने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।
बचाव अभियान कैसे चला?
घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल मौके के लिए रवाना हुए। वहीं, घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भेजे गए। इस बीच, स्थानीय लोगों ने खच्चरों के जरिए घायलों को निकालना शुरू किया। स्थानीय टूरिस्ट गाइड और खच्चर चलाने वालों ने स्थानीय लोगों की मदद से कुछ घायलों को कंधों पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लेकर आए।
हमले कितना बड़ा और यह समय महत्वपूर्ण क्यों?
– 14 फरवरी 2019 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान बलिदान हुए थे। वहीं, वर्ष 2000 में पहलगाम में अमरनाथ यात्रा के बेस कैंपर पर हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
– आतंकियों ने यह हमला ऐसे समय किया है, जब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। मार्च 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत यात्रा पर आए थे, तब दक्षिण कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा में 35 सिखों की हत्या कर दी थी।
– इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर हैं। वहीं, सवा दो महीने बाद यानी 3 जुलाई से शुरू होने वाली है। जहां पर हमला हुआ, वह इलाका अमरनाथ यात्रा के नूनवान स्थित बेस कैंप से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है।

हमले के बाद किसने क्या कहा?
- – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल सऊदी अरब के दौरे पर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा…उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।
- – इससे पहले पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी ली थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने गृह मंत्री को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्देश दिया था।
- – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। साजिशकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें कठोरतम परिणाम भुगतने होंगे।
- – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।
- – पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरा गृह मंत्री से यही आग्रह है कि एक जांच बैठाई जाए और इसकी जांच हो कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं? उनका क्या मकसद था? हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम छह साल से बोलते आ रहे हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। अफसोस की बात है कि दिल्ली में बैठे लोगों को अभी भी समझ नहीं आ रहा है यहां जमीनी हकीकत क्या है। यह सिर्फ इन पर्यटकों पर हमला नहीं है ये जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक पर हमला है, ये कश्मीरियत पर हमला है।