पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल अपनी ही सरकार के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ धरने पर बैठ गए।
इसके पीछे की कहानी हम आपके बताते है दुर्गेश्वर लाल किसी आईएफएस आधिकारी का स्थानांतरण कराने के लिए प्रत्यावेदन लेकर मंत्री सुबोध उनियाल के यहां पुहंचे जिसपर मंत्री ने एक हफ्ते मे जांच कर कार्यवाही हेतु आदेश प्रेषित किए ।
जिसके बाद दुर्गेश्वर लाल आग बबूला हो गए मंत्री सुबोध उनियाल के हाथ से कागज लेकर फाड़ दिया उस वक्त वहा मीडिया कर्मी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे जिनके सामने ऐसा पुरोला विधायक द्वारा किया गया।
दुर्गेश्वर लाल के इस व्यवहार को लेकर ऐसा प्रतीत हुआ की वो एक सुनियोजित एवं प्रायोजित साजिश के तहत मंत्री आवास पहुंचे और इस साजिश को अंजाम दिया और खुद ही मंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए।
अभी दो रोज पहले मंत्री सुबोध उनियाल का एक ऑडियो वायरल हुआ था जिसमे वो हाई कोर्ट पर अभद्र टिपनी करते हुए सुनाई दे रहे थे जबकि सुबोध उनियाल के कथन अनुसार ये ऑडियो तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया था।
एक सप्ताह मे दो बार कैबिनेट मंत्री पर ऐसे प्रकरण और ऐसी खबरे सोशल मीडिया पर आना ये साफ दर्शाता है कि ये सारा घटनाक्रम किसी ना किसी के इशारे पर कैबिनेट मंत्री को बदनाम करने के लिए खेला जा रहा है।
अब देखने वाली बात ये होगी की क्या मंत्री सुबोध उनियाल अपने राजनीतिक दक्षता से इन परिस्थितियों और आने वाली परिस्थितियों से पार पा पाते है या नही ।
सूत्रों के हवाले से ये जानकारी है कि सुबोध उनियाल को बदनाम करने का ठेका किसी विभीषण ने उठा रखा है जिसका पर्दाफाश कोई नारद ही कर सकता है । ये आने वाले समय में पता चलेगा । अब पुष्कर सिंह धामी क्या अपने कैबिनेट मंत्री के बचाव में कोई एक्शन लेंगे ये देखने वाली बात होगी।