निजी अस्पतालों की मनमानी और मोटी रकम खींचने की घटनाये राजधानी मे आम हो चुकी है हाल मामला मैक्स हॉस्पिटल का है जहाँ परिजनों ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाए है।
परिजनों ने कहा की मैक्स सुपरस्पेशलिटी अस्पताल देहरादून ने अवैध और अनुचित व्यापार प्रथाओं में लिप्त होकर, एमआरआई, प्रति दिन 10 रक्त परीक्षण जैसे अनुचित चिकित्सा परीक्षण करके लाखों रुपये कमाए, मरीज को 12 नवंबर, 2024 से पिछले 13 दिनों तक आईसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा। निर्दोष गरीब मरीज़ों की कीमत पर, मरीज़ के ठीक होने के झूठे आश्वासन पर केवल 03 दिनों की अवधि में पूरी बीमा पॉलिसी राशि खा ली, खोपड़ी काटकर मस्तिष्क की सर्जरी की थी तीन दिनों से फ्रीज में रखी खोपड़ी से खोपड़ी की हड्डी निकाली जा रही है। इस प्रसिद्ध अस्पताल द्वारा कितनी गंभीर चिकित्सीय लापरवाही ??
यह मैक्स अस्पताल के प्रबंधन के लिए दयनीय है और नोबेल चिकित्सा पेशे में डॉक्टरों की लालचीता की पराकाष्ठा है। हमारे मरीज को अब ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया है और मैक्स अस्पताल के डॉक्टर ने कोई जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं। ऐसे लापरवाह और लालची पेशे को तुरंत दंडित करने की जरूरत है। क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी.नड्डा मदद करेंगे? ये गुहार मरीज के परिजनों ने लगाई है।