
मैं भोपाल कमिश्नर कार्यालय से सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह बात कर रहा हूं. मैं यूपी की ओर जा रहा हूं, आप मुझे दो गार्ड की व्यवस्था करें.’ प्रधान आरक्षक ने असमर्थता जाहिर की और कहा कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. आप डीएसपी हेडक्वार्टर से बात करें. युवक ने डीएसपी हेडक्वार्टर में फोन लगाया और यही बात दोहराई. जानें फिर आगे क्या हुआ…
भिंड पुलिस ने एक अजीबोगरीब मामले का पर्दाफाश किया है जिसमें शातिर आरोपी लोगों को खाकी का खौफ दिखाकर लोगों के साथ ठगी करता था. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, भिंड पुलिस कंट्रोल रूम में पदस्थ प्रधान आरक्षक अरुण दीक्षित ड्यूटी पर थे, तभी फोन आता है कि ‘मैं भोपाल कमिश्नर कार्यालय से सब इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह बात कर रहा हूं. आप मुझे गार्ड की व्यवस्था करें, मैं यूपी की ओर जा रहा हूं. इसके बाद प्रधान आरक्षक ने असमर्थता जाहिर की और कहा कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है. आप डीएसपी हेडक्वार्टर से बात करें. आरोपी ने फिर डीएसपी हेडक्वार्टर का नंबर लिया और फोन लगाकर डीएसपी हेडक्वार्टर संजय कोच्छा से कहा कि मैं भोपाल कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र का गनमेन बात कर रहा हूं. साहब से बात कर लीजिए. जैसे ही डीएसपी हेडक्वार्टर ने बात शुरू की।
आरोपी ने बातचीत करते हुए डीएसपी हेडक्वार्टर से कहा- बेटा कैसे हो. इतना सुन उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने आरोपी की पूरी बातचीत से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया. फिर क्या था, आरोपी की कुंडली खंगाली गई तो पुलिस को कई राज हाथ लगे. तुरंत इसकी जानकारी साइबर सेल थाना प्रभारी दीपेन्द्र यादव को दी गई. उन्होंने समय रहते हुए आरोपी युवक को रौन थाना क्षेत्र से दबोच लिया।
पुलिस ने आरोपी युवक से सख्ती से पूछताछ की गई तो धीरे धीरे उसने और भी कई राज उगल दिए. आरोपी पुलिस का रौब जमाकर लोगों के साथ ठगी करता था. ऐसे ही और मामले भी सामने आए. आरोपी यूपी और एमपी के कई शहरों में खाकी का रौब जमाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करता था. आरोपी ने अपना नाम अंकित, उम्र 26 निवासी ग्राम गड़ी पिपारी थाना सहसो इटावा उत्तर प्रदेश बताया।