इस बार चारधाम यात्री पंजीकरण के लिए तपती गर्मी में खड़े नहीं रहेंगे। पंजीकरण करने वाली कंपनी की ओर से यात्रियों को इलेक्ट्राॅनिक टोकन दिए जाएंगे। इन टोकन को लेकर तीर्थयात्री वातानुकूलित टेंट के अंदर बैठकर पंजीकरण के लिए अपनी बारी का इंतजार करेंगे। 112 बेड की डोरमेट्री में भी एयर कंडीशनर लगेंगे।
आईएसबीटी और ट्रांजिट कैंप के आसपास पांच स्थानों पर हिंदी और अंग्रेजी में इलेक्ट्राॅनिक बोर्ड लगाए जाएंगे। इन बोर्डों में चारधाम यात्रा मार्गों के खुलने बंद होने के अलावा अन्य जानकारी भी होंगी। ट्रांजिट कैंप के दूसरे तल पर स्थित 112 बेड वाली डोरमेट्री को भी वातानुकूलित किया जाएगा। आईएसबीटी में बसों की पार्किंग की जगह पर किए गए अतिक्रमण हटवाने के लिए नगर निगम को निर्देशित किया जाएगा। इस अवसर पर अपर आयुक्त गढ़वाल नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, एसडीएम ऋषिकेश कुमकुम जोशी, एके श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।
अप्रैल से खुल सकता है ऑनलाइन पंजीकरण
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि एक अप्रैल से चारधाम यात्रा का पंजीकरण शुरू किया जा सकता है। बदरीनाथ, केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय हो चुकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री की तिथि जारी होनी बाकी है। जब तक गंगोत्री यमुनोत्री के तीर्थ पुरोहित वहां कपाट खुलने की मुहूर्त की घोषणा नहीं करते तब तक ऑनलाइन पंजीकरण शुरू नहीं किया जा सकता।
60 लाख यात्रियों के आने का है अनुमान
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि इस साल चारधाम यात्रा में 60 लाख तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है। सभी तैयारियां पूरी की जा रही हैं। यात्रा मार्ग पर पहले पांच शौचालयों पर तीन लोगों की तैनाती होती थी। अब एक शौचालय पर तीन लोग आठ-आठ घंटे की ड्यूटी करेंगे।
चार चरणों में लगेगी डॉक्टरों की ड्यूटी
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि चारधाम यात्रा में सरकारी डॉक्टरों की ड्यूटी चार चरणों में लगेगी। एक चरण में 15 दिन की ड्यूटी होगी। उन्होंने कहा कि सभी सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि यदि ए चरण वाला डॉक्टर ड्यूटी पर गया हो, तो उसकी ड्यूटी खत्म होने से पहले बी चरण वाले डॉक्टर को यात्रा ड्यूटी पर भेजा जाए। जैसे ही बी चरण वाले की ड्यूटी खत्म होने वाली हो वैसे ही दो दिन पहले सी चरण वाले डॉक्टर को यात्रा ड्यूटी पर भेजा जाए। ऐसा ही डी चरण वाले में किया जाए।
केदारनाथ में यात्रियों को भी पीने का गरम पानी मिलेगा
गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि पिछले साल केदारनाथ मार्ग पर केवल घोड़ों के लिए ही गरम पानी की व्यवस्था थी, लेकिन इस बार तीर्थ यात्रियों के लिए गरम पानी की व्यवस्था होगी। इस बार 19 किमी लंबे केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़े की लीद की मुक्ति मिलेगी। मार्ग पर पड़े लीद को उठाकर पतंजलि कंपनी अपने प्लांट में रिसाइकिल करेगी।