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देश की टॉप थ्री साइबर इकाइयों में चुनी गई उत्तराखंड एसटीएफ,STF की धाकड़ टीम ने किए ये अच्छे कार्य?

साइबर थाना देहरादून के पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा ने तीन दिवसीय साइबर प्रशिक्षण प्रोग्राम झारखंड पुलिस को रांची में दिया। इसके साथ ही आईफोरसी के सहयोग से पूरे देश की समस्त पुलिस और सेंट्रल एजेंसी के एक हजार ऑफिसर और कर्मियों को भी साइबर संबंधित दो दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया है।

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देहरादून

 

देश की टॉप थ्री साइबर इकाइयों में चुनी गई उत्तराखंड एसटीएफ, : डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने देश भर से 40 विभिन्न राज्य और एजेंसियों में सर्वश्रेष्ठ 3 राज्य एजेंसियों का चयन किया। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसी के लिए क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता की श्रेणी में उत्तराखंड एसटीएफ का चयन हुआ।उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (साइबर क्राइम थाना देहरादून) ने साइबर अपराध पर नियंत्रण में सराहनीय कार्य किया है।

डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने उत्तराखंड एसटीएफ को देश के टॉप थ्री साइबर इकाइयों में चुना है।एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने देश भर से 40 विभिन्न राज्य और एजेंसियों में सर्वश्रेष्ठ 3 राज्य एजेंसियों का चयन किया। इसमें कानून प्रवर्तन एजेंसी के लिए क्षमता निर्माण में उत्कृष्टता की श्रेणी में उत्तराखंड एसटीएफ का चयन हुआ।

कहा कि स्पेशल टास्क फोर्स के अधीन साइबर थाने देहरादून में पिछले एक साल में लगातार अलग-अलग प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए। मार्च और अप्रैल में सभी जिलों के साइबर सेल एवं पुलिस कर्मियों को एक हफ्ते का साइबर से संबंधित बेसिक एवं एडवांस साइबर प्रशिक्षण दिया गया। उत्तराखंड साइबर पुलिस के ढांचे में ई-सुरक्षा चक्र चलाया जा रहा है।उन्होंने बताया कि साइबर थाना देहरादून प्राप्त सूचना को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जिलों की साइबर सेल को शेयर कर देता है। जेसीआईटी लिंकेज के माध्यम से स्पेशल ऑपरेशन संबंधित अपराधियों को वारंट बी पर अन्य राज्यों से गिरफ्तार करने में सहायता मिलती है। इस प्रकार उत्तराखंड में गिरफ्तार किसी भी साइबर अपराधी के जेसीआईटी लिंकेज को साइबर थाना देहरादून के माध्यम से इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर से साझा किया जाता है।

दून ने अपनाई थी जीरो एफआईआर की प्रक्रिया
साइबर के मामलों में साइबर थाना देहरादून ने सबसे पहले पीड़ितों की मदद के लिए जीरो एफआईआर की प्रक्रिया को अपनाया था। इसे गृह मंत्रालय ने भी सराहा है। सरकार के सीसीपीडब्लूसी प्रोजेक्ट के तहत दिए गए लक्ष्य को स्पेशल टास्क फोर्स ने 100 प्रतिशत पूरा किया है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से साइबर थाना दून ने न्यायाधीशों, अभियोजन अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को साइबर संबंधित प्रशिक्षण भी दिया। इसके अलावा 300 पुलिस कर्मियों को प्रारंभिक प्रशिक्षण, 148 कर्मियों को बेसिक कम एडवांस डिजिटल इंवेस्टिगेशन, जिलों में पढ़ाने वाले 30 कर्मियों को ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (टीओटी) प्रशिक्षण दिया गया।

देशभर की पुलिस को दिया प्रशिक्षण

70 हजार से अधिक को किया जागरूक
साइबर थाना देहरादून की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत स्कूल कॉलेज के बच्चों और अध्यापकों को साइबर क्राइम को लेकर जागरूक किया जाता है। इसके तहत अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों को साइबर संबंधित जागरूकता प्रदान की गई है। इस साल साइबर कॉमिक्स का भी एक नया प्रयोग किया गया। जिससे बच्चों के माध्यम से भी साइबर जागरुकता करने में सहायता मिलती है। सभी प्रयासों को डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी सराहा है।

FAIZAN KHAN REPORTER

रिपोर्टर

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