
स्वच्छता और सुंदरता किसी भी शहर की पहचान होती है। यह न केवल वहाँ रहने वाले नागरिकों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए ज़रूरी है, बल्कि पर्यटन, निवेश और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देती है। ऐसे में अब समय आ गया है कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाए।
1. कचरा प्रबंधन को प्राथमिकता देना
सरकार को सबसे पहले शहर में कचरा प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना होगा। घर-घर से कचरे का पृथक्करण (सूखा और गीला) सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने चाहिए। हर मोहल्ले में कूड़ा संग्रहण केंद्र बनाए जाएं और कचरे की रीसाइक्लिंग की व्यवस्था की जाए।
2. स्वच्छता कर्मचारियों को संसाधन और सम्मान
शहर की सफाई में जुटे कर्मचारियों को बेहतर उपकरण, यूनिफॉर्म, समय पर वेतन और सुरक्षा के साधन मिलें — यह अनिवार्य होना चाहिए। उनके प्रति सम्मान और सहयोग की भावना समाज में पैदा की जानी चाहिए।
3. हरियाली और सौंदर्यीकरण पर जोर
सरकार को शहर के पार्कों, सार्वजनिक स्थानों और सड़कों के किनारे वृक्षारोपण कराना चाहिए। इसके अलावा दीवारों पर सुंदर चित्रकारी, LED लाइट्स और बैठने की व्यवस्था से शहर को खूबसूरत बनाया जा सकता है।
4. नागरिकों की भागीदारी जरूरी
सरकार को स्वच्छता से जुड़े जन-जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे। स्कूलों, कॉलेजों और वार्ड स्तर पर “स्वच्छता दूत” बनाए जा सकते हैं।
5. सख्त कानून और निगरानी प्रणाली
खुले में कचरा फेंकने, थूकने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाना चाहिए। सीसीटीवी निगरानी और हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
अगर सरकार जनसहयोग के साथ इन कदमों को अपनाए, तो हमारा शहर न केवल स्वच्छ और सुंदर बनेगा, बल्कि एक प्रेरणा भी बनेगा देश के अन्य शहरों के लिए। स्वच्छता सिर्फ अभियान नहीं, हमारी आदत बननी चाहिए — यही समय की मांग है।