
देहरादून
राजधानी देहरादून में हर साल की तरह इस त्योहारी सीजन में भी बाजारों में भीड़ उमड़ने लगी है। शहर के मुख्य मार्गों — घंटाघर, पलटन बाजार, राजपुर रोड, लक्ष्मण चौक और दर्शनलाल चौक जैसे इलाकों में वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
त्योहारों के दौरान खरीदारी और आवाजाही के कारण शहर में ट्रैफिक बढ़ना स्वाभाविक है। दून ट्रैफिक पुलिस पहले से ही जाम की स्थिति से निपटने के लिए रूट डायवर्जन और ट्रैफिक प्लान लागू करती है। अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती, बाजार क्षेत्रों में पैदल गश्त, बैरिकेडिंग और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाती है।
फिर भी कई बार लोगों की जल्दबाजी, गलत पार्किंग और दोपहिया वाहनों का अव्यवस्थित चलना ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह बनता है। पुलिस लगातार व्यवस्था सुधारने में लगी रहती है, लेकिन शहर की सीमित सड़क क्षमता और बढ़ते वाहनों की संख्या के आगे चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
ऐसे में ट्रैफिक जाम का पूरा ठीकरा पुलिस पर फोड़ना उचित नहीं है। जरूरत जनता और पुलिस दोनों के सहयोग की है — क्योंकि सड़कें तभी चलेंगी जब नियमों का पालन सभी करेंगे।
दरअसल, दून ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयासरत है कि शहर की आवाजाही सुचारू बनी रहे। एसएसपी देहरादून के निर्देश पर समय-समय पर ट्रैफिक प्लान और रूट डायवर्जन लागू किए जाते हैं, ताकि भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाम की स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। इसके अलावा पुलिस कर्मी घंटों धूप और धूल में खड़े रहकर ट्रैफिक संभालते हैं, ताकि लोगों को असुविधा न हो।
ट्रैफिक विशेषज्ञों का कहना है कि केवल पुलिस पर निर्भर रहने के बजाय नागरिकों को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। यदि लोग नियमों का पालन करें और धैर्य रखें, तो जाम की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
त्योहारों के दौरान जब पूरा शहर रंगों और रोशनी से सजता है, तब यातायात व्यवस्था भी तभी सुंदर दिखेगी जब पुलिस और जनता मिलकर सहयोग करें।


