हेल्दी एजिंग यानी उम्र बढ़ने के बाद भी शरीर का चुस्त और दुरुस्त रहना। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2030 तक हर छह में से एक व्यक्ति 60 या उससे ज्यादा की उम्र का होगा। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, 30 से 40 की उम्र में दिमाग सिकुड़ना शुरू हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ ही हडि्डयों का घनत्व कम होने लगता है। वे पतली और नाजुक होने लगती हैं। वहीं, धमनियां कड़क होने से बीपी बढ़ने लगता है। इससे हृदयरोग पनपते हैं। चार ऐसे फैक्टर हैं जो बढ़ती उम्र में सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं।
वजन: कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है
उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म और कोशिकाओं की ऊर्जा को संतुलित करने वाले हॉर्मोन्स घटने लगते हैं। आराम की स्थिति में मेटाबॉलिक दर घटने लगती है। इससे भी वजन बढ़ता है। बढ़ा हुआ वजन कोशिकाओं (सेल्स) को क्षति पहुंचाता है, जिससे डायबिटीज, हृदय संबंधी रोग बढ़ते हैं।
क्या करें: हार्वर्ड के अनुसार सप्ताह में 3 दिन 30 से 45 मिनट की एक्सरसाइज 10 साल तक ज्यादा युवा रखती है।
डाइट: चीनी-मैदे से होती है विटामिन की कमी
जर्नल एजिंग के अनुसार मैदा, रिफाइंड चीनी व रिफाइंड तेल से बनी चीजें अपने अवशोषण (अब्जॉर्प्शन) में सहायता के लिए शरीर से ही पोषण खींचती हैं, जिससे शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होती है। इससे शरीर जल्दी बूढ़ा होने लगता है।
क्या करें: डाइट में तीन हिस्सा फल व सब्जियों का रखें। एक भाग में अनाज व अन्य चीजें लें। शरीर को पूरा पोषण मिलेगा।
नींद: केवल 4 घंटे की नींद से 10 साल पहले बुढ़ापा
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन की रिसर्च बताती है कि एक दिन की कम नींद से भी अलर्टनेस में 20% तक की कमी आ सकती है। नींद की कमी कोशिकाओं को उम्रदराज बना सकती है। केवल 4 घंटे की नींद लेने वाले 10 साल तक ज्यादा उम्रदराज दिखते हैं।
क्या करें: रोजाना समय पर सोने और जागने का रूटीन बनाएं। युवावस्था से ही औसतन 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें।
क्वालिटी ऑफ लाइफ को प्रभावित करता है तनाव
लंबे समय तक तनाव कोशिकाओं के DNA को प्रभावित करता है। कोशिकाओं के विभाजन के समय ये प्रभावित DNA नई कोशिकाओं में पहुंच जाते हैं जो कमजोर इम्यूनिटी, थकान, डायबिटीज, कैंसर आदि का कारण बनते हैं।
क्या करें: तनाव को कंट्रोल करने के लिए नियमित रूप से योग, ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।