छछूंदर के सर पर पाणे का तेल
यह एक सत्य घटना है जिस पर किवदंती लिखी जा सकती है क्यूकि जिस छछूंदर पर ये लिखी जा रही है वो वाकई में इतना बदबूदार है कि ये जहां जाता है वहाँ के वातावरण को इतना दूषित कर देता है कि सालो साल दुर्गंध जाने का नाम नहीं लेती ।
इस छछूंदर का किरदार एक ऐसी घटना के साथ जुड़ा है अगर वो सामने आ जाती तो अच्छे अच्छों का बाजा फट जाता पर उक्त घटना आपके समक्ष भारत न्यूज़ फ़र्स्ट ला रहा है । धौलास में कई सौ बीघा में एक एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा अवैध प्लाटिंग करी जा रही है जिसको तोड़ने का काम इस छछूंदर द्वारा किया जाना था पर ये वहाँ से भ्रष्टाचार का थैला लेकर कुंडली मार के बैठ गए और जब देवभूमि रक्षा मंच द्वारा काफी चिट्ठी पत्री लिखी गयी तब उपाध्यक्ष महोदय ने संज्ञान लेकर इनकी क्लास लगा दी , तब ये छछूंदर उक्त अवैध प्लाटिंग पर जेसीबी लेकर आंशिक रूप से तोड़कर फोटोबाज़ी करके वापस अपने थैले को और ज्यादा वजनदार करके लौट आए ।
उसके बाद देवभूमि रक्षा मंच द्वारा फिर से उपाध्यक्ष महोदय को पूरी घटना से अवगत कराया गया तो अबकी बार उन्होने इस छछूंदर को उस सेक्टर से हटा दिया , तब इसने अपने पाणे रूपी आका से उपाध्यक्ष महोदय को दूरभाषित करवा कर उस आदेश को ठंडे बस्ते में कुछ दिनो के लिए डलवा दिया । अब उसके आका ने अपने छछूंदर के स्थानांतरण का खाका तैयार कर एक चतुर बनिया रूपी चाणक्य से मिलने भेजा जिसके दर्शन मात्र से छछूंदर हराभरा हो गया और अपने स्थानांतरण का खाका अपने आका के अनुसार तैयार करने की पथकथा को अमली जामा पहनाने में जुट गया ।
इनके आका पाणे ने विभागीय मंत्री की स्थानांतरण लिस्ट में अलग से इस छछूंदर का नाम प्रमुख सचिव से नोट तैयार कर लिखवा दिया और इस राज्य के युवा हाकिम को भी एक विपरीत कहानी सुना कर इसका स्थानांतरण ना करवाकर एक जिले के प्राधिकरण से संबद्ध करवा दिया ताकि ये छछूंदर को वहाँ पर प्रभारी अधिशाषी अभियंता बना सके ।
अब सबसे बड़ी बात ये है कि इस छछूंदर का स्थानांतरण पिछले वर्ष जुलाई मे नैनीताल हुआ जहां पर इसने 1 माह बाद जॉइन किया और दिसंबर 2023 मे इसने अपना स्थानांतरण देहारादून करवा लिया । अब विभागीय कार्यवाई से बचने के लिए अपना को देहारादून से अन्य जिले मे सम्बद्ध करवा लिया ।
अब प्रश्न ये उठता है कि पाणे जी इस छछूंदर को बार – बार क्यो बचाते है क्या इसके पास पाणे जी के संगीन राज है ?
इस अदने से भ्रष्टाचारी छछूंदर को क्यो अपने आस पास रखना चाहते है पाणे जी ?
बात जब निकलती है तब दूर तलक जाती है कि पाणे क्यो तेल लगा रहे है इस छछूंदर को और क्यो पूर्णिया पंडित बनकर युवा हाकिम को अपने भ्रष्टाचार में गुमराह कर सम्मलित कर रहे है ।
मात्र 8 महीने मे तीन बार ट्रान्सफर आदेश को आय बाय शाये करवाना ये इशारा जरूर करता है कि दाल मे कुछ काला नहीं पूरी दाल ही काली है ।
क्या विभागीय सचिव या मंत्री अंधे बनकर बिना विवेक के कुछ भी कर गुजरते है ? तो इस राज्य का कैसे भला होगा ये सोचने वाला समय है ।
समझदार को इशारा काफ़ी और बच्चो को गुब्बारा यदि इससे भी समझने वाले ना समझे तो साक्ष्य के साथ भारत न्यूज़ फर्स्ट जल्द ही बड़ा खुलासा करेगा।