कौशल विकास योजना के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार के नाम पर घोटाले का आरोप हल्द्वानी निवासी विक्की खान ने आरटीआइ से मिली जानकारी के आधार पर लगाया है। आरोप है कि अधिकारियों ने बाहर की एजेंसियों से मिलकर फर्जी आधार कार्ड के जरिए बच्चों का पंजीकरण कराकर बजट का बंदरबांट किया है। विभाग ने कोरोना के दो वर्षों में भी 80 हजार युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार देने का दावा किया है। खन्ना ने सरकार से टास्क फोर्स गठित कर जांच कराने की मांग की। साथ ही जनहित याचिका हाई कोर्ट में दायर करने की बात कही है।
आरटीआइ कार्यकर्ता विक्की खान ने प्रेसवार्ता कर बताया कि वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने बेरोजगारों को निश्शुल्कं प्रशिक्षण देकर रोजगार देने के लिए कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया था।
मगर उत्तराखंड सरकार के अधिकारियों ने पीएम के इस सपने को सिर्फ पैसा लूटने वाली योजना बनाकर रख दिया है। बाहरी एजेंसियों को काम दे दिया गया। इस दौरान वर्ल्ड बैंक से 600 करोड़ का बजट भी जारी हुआ। आरटीआइ से मिली जानकारी को आधार बनाते हुए खन्ना ने कहा कि एजेंसियों ने फर्जी आधार कार्ड तैयार किए। उसमें फोटो ही बदल दिए गए।