
शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, अगर हम सभी सिर्फ आहार में ही सुधार कर लें तो कई प्रकार की बीमारियों से बचाव हो सकता है। हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि प्लांट बेस्ड डाइड के सेवन की आदत बना लें ये आपको हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में फायदेमंद हो सकती है।
शरीर को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो सुनिश्चित करें कि आपके आहार में विटामिन्स से भरपूर चीजें शामिल हों। आहार विशेषज्ञ कहते हैं, अच्छी सेहत के लिए रोजाना कई प्रकार के विटामिन्स का संतुलित मात्रा में सेवन जरूरी है। इनकी कमी से विभिन्न शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्राकृतिक स्रोतों से विटामिन्स प्राप्त करना अधिक फायदेमंद होता है। आइए जानते हैं कि हमें रोजाना किन विटामिन्स का सेवन जरूर करना चाहिए और इसके लिए आहार में किन चीजों को शामिल करना जरूरी है?

विटामिन ए वाली चीजें जरूर खाएं
विटामिन-ए हमारे शरीर के लिए कई प्रकार से महत्वपूर्ण है। यह आंखों की रोशनी को तेज बनाए रखने के साथ रतौंधी (नाइट ब्लाइंडनेस) जैसी दुर्लभ समस्याओं से भी बचाती है। त्वचा, बाल और प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए विटामिन-ए बहुत जरूरी है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, विटामिन-ए की कमी के कारण दृष्टि संबंधी समस्याएं और प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन-ए युक्त खाद्य पदार्थ (गाजर, पालक, दूध) खाने से संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है। गाजर, शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, मछली और दूध इसका अच्छा स्रोत माने जाते हैं।

विटामिन-बी के लाभ
विटामिन-ए की तरह विटामिन-बी भी हमारी सेहत के लिए आवश्यक है। ये विटामिन ऊर्जा उत्पादन, मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने और लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। त्वचा, नाखून और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में भी विटामिन-बी वाली चीजें लाभप्रद हैं।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के अनुसार, विटामिन बी12 की कमी न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा कर सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड (B9) जरूरी होता है क्योंकि यह भ्रूण के न्यूरल ट्यूब दोषों को रोकता है। साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दूध, मांस, दालें इस विटामिन का अच्छा स्रोत हैं।

विटामिन सी और डी
विटामिन सी और डी दोनों को ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए फायदेमंद माना जाता रहा है। विटामिन-सी का सेवन कोलेजन उत्पादन में मददगार है जिससे त्वचा, हड्डियों और दांतों को लाभ मिलता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोध के अनुसार, आहार के माध्यम से विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा प्राप्त करने से हृदय रोगों और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो सकता है। संतरा, नींबू, आंवला, स्ट्रॉबेरी, शिमला मिर्च, ब्रोकली आदि विटामिन-सी से भरपूर हैं।
इसी तरह विटामिन-डी भी इम्युनिटी बढ़ाने वाली विटामिन मानी जाती है। यह विटामिन कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाकर हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबोलिज्म के अनुसार, विटामिन डी की कमी से हड्डियों की कमजोरी, अवसाद और प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट आ सकती है। सूरज की रोशनी, मछली, अंडे, मशरूम, दूध से आप विटामिन-डी प्राप्त कर सकते हैं।

विटामिन-ई क्यों जरूरी है?
विटामिन-ई एक प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट है जो न सिर्फ इम्युनिटी को मजबूत करती है साथ ही इससे त्वचा और बालों को भी लाभ मिलता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण ये विटामिन कोशिकाओं को क्षति से बचाती है। हृदय और रक्त संचार प्रणाली को स्वस्थ रखने में भी इससे लाभ मिलता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, आहार के माध्यम से विटामिन-ई प्राप्त करने से त्वचा पर झुर्रियों को कम किया जा सकता है और ये अल्जाइमर रोग से बचाव में भी लाभकारी है। बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, एवोकाडो, मूंगफली को विटामिन-ई का स्रोत माना जाता है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।