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पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।

बीते दिन पीएम मोदी ने सीसीएस की बैठक की अध्यक्षता की थी। – फोटो :
सबसे पहले जानते हैं क्या है मामला…
पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।
पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच किसी भी संभावित युद्ध की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बुधवार को नागरिकों की सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल करने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय के तहत नागरिक सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक बी संदीपकृष्ण ने सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण देश के 244 सीमावर्ती और तटीय जिलों में नागरिक सुरक्षा अभ्यास करने का निर्देश दिया है।
कब और क्यों लिखा गया पत्र?
संदीपकृष्ण ने मॉक ड्रिल के लिए पहली चिट्ठी दो मई को लिखी थी और दूसरी सोमवार को भेजी। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा अभ्यास के तहत किसी भी हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा। साथ ही किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में अचानक बिजली गुल यानी ब्लैक आउट करने का अभ्यास भी होगा।
संदीपकृष्ण ने मॉक ड्रिल के लिए पहली चिट्ठी दो मई को लिखी थी और दूसरी सोमवार को भेजी। पत्र में कहा गया है कि सुरक्षा अभ्यास के तहत किसी भी हवाई आक्रमण की स्थिति में चेतावनी सायरन प्रणाली के सही संचालन को परखा जाएगा। साथ ही किसी भी आक्रमण की स्थिति में आम लोगों, छात्रों को खुद को बचाने और अन्य नागरिक सुरक्षा पहलुओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मॉक ड्रिल में अचानक बिजली गुल यानी ब्लैक आउट करने का अभ्यास भी होगा।

पीएम मोदी ने की बैठक (फाइल फोटो) – फोटो :
मॉक ड्रिल में और क्या-क्या होगा?
निर्देशों के मुताबिक, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?
मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें देशभर में 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।
निर्देशों के मुताबिक, अभ्यास के तहत अहम प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पहचान छिपाने का बंदोबस्त किया जाए। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि दुश्मन के विमान महत्वपूर्ण फैक्टरियों, प्रतिष्ठानों को दूर से ही निशाना न बना सकें। किसी भी युद्ध में दुश्मन की सेना ऐसे प्रतिष्ठानों को ही सबसे पहले निशाना बनाती है, ताकि अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ी जा सके। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने हमले की स्थिति में आम लोगों की सुरक्षित निकासी की योजना बनाने और उनका बार-बार पूर्वाभ्यास करने के लिए कहा है।लोग क्या-क्या तैयारियां रखें?
मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय में आज अहम बैठक हुई। इसमें देशभर में 244 नागरिक सुरक्षा प्रतिष्ठानों की स्थिति की समीक्षा की गई। समीक्षा इस बात पर केंद्रित है कि मौजूदा उपकरण काम कर रहे हैं या उनकी मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में यह भी देखा गया कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। इस दौरान हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।

मॉक ड्रिल – फोटो :
आखिरी मॉक ड्रिल कब की गई थी?
नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल-फिलहाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।
नागरिकों की सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल बेहद असामान्य कदम है। हाल-फिलहाल में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए किसी भी संघर्ष के दौरान ऐसा कोई मॉक ड्रिल नहीं किया गया। राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।

पाकिस्तान से तनाव के बीच मोदी सरकार ने लिया बड़ा फैसला। – फोटो :
कहां-कहां होगी मॉक ड्रिल?
2010 में गृह मंत्रालय की ओर से संशोधित की गई मॉक ड्रिल वाले जिलों की सूची में राज्यवार संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को एक से तीन श्रेणी के बीच रखा गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने देश के कुल 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची तैयार की थी। हालांकि, सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं कहा जा सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 19 जिले हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे स्थान भी हैं, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन हैं।
2010 में गृह मंत्रालय की ओर से संशोधित की गई मॉक ड्रिल वाले जिलों की सूची में राज्यवार संवेदनशीलता के आधार पर जिलों को बांटा गया है। देश के 25 राज्यों के कुल 244 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को एक से तीन श्रेणी के बीच रखा गया है। दरअसल, गृह मंत्रालय ने देश के कुल 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट की सूची तैयार की थी। हालांकि, सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट को सामान्य प्रशासनिक जिले नहीं कहा जा सकता। उत्तर प्रदेश में ऐसे कुल 19 जिले हैं। इनमें कानपुर, लखनऊ, मथुरा जैसे प्रशासनिक जिले और बक्शी का तालाब, सरवासा जैसे स्थान भी हैं, जो लखनऊ और सहारनपुर में हैं। यहां एयर फोर्स स्टेशन हैं।
वायुसेना के साथ हॉटलाइन संपर्क बनाए रखने के निर्देश
नागरिक सुरक्षा अभ्यास नियम-1968 के तहत जारी निर्देश में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क सुचारु बनाने, वार्डन सेवा, अग्निशमन, बचाव अभियान, डिपो प्रबंधन के संचालन को परखने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा इन सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष और छद्म नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।पीएम मोदी को रक्षा सचिव ने दी तैयारियों की जानकारी
पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चल रही तैयारियों के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि सिंह ने पीएम मोदी को सुरक्षा तैयारियों की पूरी जानकारी दी है। इनसे पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख दिनेश के त्रिपाठी और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी प्रधानमंत्री को अपनी तैयारियों और चुनौतियों की जानकारी दे चुके हैं। पीएम की लगातार बैठकों को पाकिस्तान के खिलाफ जल्द ही सैन्य कार्रवाई किए जाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
नागरिक सुरक्षा अभ्यास नियम-1968 के तहत जारी निर्देश में वायुसेना के साथ हॉटलाइन और रेडियो संपर्क सुचारु बनाने, वार्डन सेवा, अग्निशमन, बचाव अभियान, डिपो प्रबंधन के संचालन को परखने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा इन सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष और छद्म नियंत्रण कक्षों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं।पीएम मोदी को रक्षा सचिव ने दी तैयारियों की जानकारी
पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की चल रही तैयारियों के बीच रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि सिंह ने पीएम मोदी को सुरक्षा तैयारियों की पूरी जानकारी दी है। इनसे पहले एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख दिनेश के त्रिपाठी और सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी प्रधानमंत्री को अपनी तैयारियों और चुनौतियों की जानकारी दे चुके हैं। पीएम की लगातार बैठकों को पाकिस्तान के खिलाफ जल्द ही सैन्य कार्रवाई किए जाने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
डोभाल व गृह सचिव से भी मंत्रणा
पीएम मोदी ने नॉर्थ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में भी कई अहम बैठकें कीं। शाम पांच बजे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पीएमओ पहुंचे। डोभाल से बैठक खत्म होने के कुछ देर बाद गृह सचिव गोविंद मोहन भी पीएम से मिले।

भारत की पाकिस्तान पर बड़ी कार्रवाई – फोटो :
पहलगाम हमले के बाद फिर पटरी से उतरे भारत-पाक संबंध
गृह मंत्रालय ने यह निर्देश ऐसे समय में दिए हैं, जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और भारत पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। इनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे।इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना, अटारी चेक पोस्ट को बंद करना और सभी श्रेणियों में डाक सेवाओं को बंद करने जैसे कदम शामिल हैं।
गृह मंत्रालय ने यह निर्देश ऐसे समय में दिए हैं, जब दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है और भारत पाकिस्तान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए विकल्पों पर विचार कर रहा है। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। इनमें अधिकांश पर्यटक शामिल थे।इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई रणनीतिक कदम उठाए हैं। जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या में कटौती करना, अटारी चेक पोस्ट को बंद करना और सभी श्रेणियों में डाक सेवाओं को बंद करने जैसे कदम शामिल हैं।