
देहरादून
अब दुपहिया वाहनों की स्थायी चालक अनुज्ञा (परमिट) के लिए होने वाला ड्राइविंग टेस्ट देहरादून में केवल 105 ए, राजपुर रोड स्थित क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय में ही होगा। यह व्यवस्था 9 जून 2025 से लागू होगी।
अब बाहरी एजेंटों के चक्कर में न पड़ते हुए आवेदकों को सीधे कार्यालय पहुंचकर स्वयं ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से www.parivahan.gov.in की “Sarathi Services” के ज़रिए ही मान्य होंगे।
टेस्ट के लिए एक आधुनिक ट्रैक तैयार किया गया है जो भारत सरकार के मानकों के अनुरूप है। ट्रैक पर ड्राइविंग करते समय पूरी प्रक्रिया की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी।
महिलाओं, बुजुर्गों और दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों को अब कई किलोमीटर दूर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे सीधे देहरादून स्थित आरटीओ कार्यालय में ही टेस्ट दे सकेंगे। यदि आवेदक के पास अपना दुपहिया वाहन व हेलमेट नहीं है, तो विभाग द्वारा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ व्यक्ति निर्धारित शुल्क के साथ नज़दीकी सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) में जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण बातें:
• सिर्फ दोपहिया वाहन चालकों का ही परीक्षण होगा।
• जिन आवेदकों ने चार व दोपहिया वाहन दोनों के लिए एक साथ आवेदन किया है, वे आरटीओ झाझरा कार्यालय जाएँ।
• टेस्ट में एक ही बार प्रयास मिलेगा और वाहन गिरने की स्थिति में फेल माना जाएगा।
इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी, दलाल प्रथा पर रोक लगेगी और आवेदकों को आसानी होगी।
यह रहें मुख्य बिंदु:
• ड्राइविंग टेस्ट के लिए आवेदक को स्वयं क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होना होगा।
• टेस्ट उसी वाहन से देना होगा जिसकी जानकारी आवेदन में दी गई हो।
• ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य है, जो www.parivahan.gov.in की Sarathi Services पर किया जा सकता है।
• यदि कोई आवेदक स्वयं आवेदन नहीं कर सकता, तो नजदीकी CSC (सीएससी) सेंटर से ₹30 शुल्क पर सहायता ले सकता है।
महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश:
• केवल उन्हीं आवेदकों का परीक्षण होगा जिन्होंने केवल दोपहिया वाहन के लिए आवेदन किया है।
• जिन आवेदकों ने चार व दो पहिया दोनों के लिए आवेदन किया है, उन्हें RTO झाझरा जाना होगा।
• टेस्ट ट्रैक आधुनिक तकनीक से लैस है, और निगरानी सीसीटीवी कैमरों से की जाएगी।
इस नई व्यवस्था के लाभ:
• विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और ऐसे अभ्यर्थियों के लिए यह सहूलियत होगी, जिन्हें दूर जाना कठिन होता है।
• आवेदकों को अब 44 किलोमीटर दूर स्थित झाझरा नहीं जाना पड़ेगा।
• RTO ट्रैक पर एक ही बार में स्पष्ट परिणाम मिलेगा; वाहन रुकने या नियंत्रण खोने की स्थिति में फेल कर दिया जाएगा।
कुछ जरूरी बातें:
• परीक्षण के लिए हेलमेट अनिवार्य है।
• यदि निर्धारित तिथि पर टेस्ट नहीं दिया गया, तो आवेदन स्वतः रद्द हो जाएगा और दोबारा नई तारीख लेनी होगी।
आरटीओ देहरादून संदीप सैनी की सराहनीय पहल
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय, देहरादून द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल आम जनता की सुविधा के लिए एक बड़ा बदलाव है, बल्कि यह पारदर्शिता, तकनीकी सशक्तिकरण और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रणाली की दिशा में एक अनुकरणीय पहल भी है।