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एसटीएफ़ के हत्थे चढ़ा 8 करोड़ का घोटाला करने वाला अभियुक्त , हर राज्य की पुलिस कर रही थी इस आरोपी की तलाश

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देहरादून

🔸*एसटीएफ/साइबर थाने ने एक और राष्ट्रीय घोटाला लगभग 08 करोड़ में एक अभियुक्त को ग्वालियर से किया गिरफ्तार। |*
🔸*गिरफ्तार अभियुक्त पर पूरे देशभर 123 मुकदमे एवं 2311 विभिन्न साइबर अपराधों में देश भर में आपराधिक तार है |*
🔸*संदिग्ध आरोपी की भारत के हर राज्य की पुलिस को तलाश थी |*
🔸 *टेलीग्राम/ इंस्टाग्राम आधारित सभी निवेश मॉडल घोटालों में साइबर पुलिस स्टेशन देहरादून (स्पेशल टास्क फोर्स) लगातार से गिरफ्तारियां कर रही है।*

एक प्रकरण साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को प्राप्त हुआ जिसमें देहरादून निवासी शिकायतकर्ता के साथ अज्ञात व्यक्ति द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से सम्पर्क कर *पार्ट टाईम जॉब* कर लाभ कमाने की बात कहना जिसके पश्चात अज्ञात व्यक्ति द्वारा मो0नं0 से वादी से सम्पर्क कर स्वंय को “इन्फोटेक सोल्युशन कम्पनी” से बताकर ऑनलाईन गुगल रिव्यु पर रेटीग पर जॉब कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर लगातार भिन्न भिन्न कम्पनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग करने आदि सम्बन्धी टास्क देकर लाभ कमाने के नाम पर भिन्न-भिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न लेन देन के माध्यम से कुल 19,41,900 /- रुपये धोखाधड़ी करने सम्बन्धी शिकायत के आधार पर साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर मु0अ0सं0 30/23 धारा 420,120 बी भादवि व 66(डी) आईटी एक्ट बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा विवेचना साइबर थाने के *निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल* के सुपुर्द की गयी।

अभियोग में अभियुक्त के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में तकनीकी विश्लेषण से प्रकाश में आये अभियुक्त प्रशान्त कष्टवाल पुत्र कृपाराम कष्टवाल निवासी एल0आई0जी0-479 नालंदा परिसर केसर बागरोड इन्दौर मधयप्रदेश – उम्र 29 वर्ष को ग्वालियर से किया गिरफ्तार।

*अपराध का तरीकाः-*
अभियुक्तगणों द्वारा फर्जी वैब साईट तैयार कर स्वंय को “इन्फोटेक सोल्युशन कम्पनी” के कर्मचारी / अधिकारी बताते हुये ऑनलाईन जॉब कर लाभ कमाने की बात कहते हुए टेलीग्राम ग्रुप में जोड़कर भिन्न भिन्न कम्पनियों के नाम के लिंक भेजकर रेटिंग करने आदि सम्बन्धी टास्क देकर लाभ कमाने के नाम पर धोखाधडी की गयी तथा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातो में प्राप्त कर उक्त धनराशि का प्रयोग करते है । अभियुक्तगण द्वारा उक्त कार्य हेतु फर्जी सिम आईडी कार्ड का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है ।

अभियुक्त द्वारा विभिन्न मोबाईल हैण्डसेट, सिम कार्ड व फर्जी बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है। कुछ पीडितों से एक मोबाईल फोन, सिम कार्ड व बैंक खाते का प्रयोग कर धोखाधड़ी करने के बाद इनके द्वारा नये सिम, मोबाईल हैण्डसैट व बैंक खातों का प्रयोग किया जाता है।

इसके अतिरिक्त *भारत सरकार I4C गृह मंत्रालय* के सहयोग से अभियुक्त से बरामद विभिन्न बैंक खातों मोबाइल नंबरों का भी गहनता से विवेचना में विश्लेषण किया गया है जिसमें अभियुक्त के ऊपर 123 मुकदमे एवं 2311 आपराधिक लिंकेज (Criminal Linkages) जो देश के सभी राज्यों में एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मिले | *अभियुक्त के ऊपर उत्तर प्रदेश 25 महाराष्ट्र 02 तेलंगाना 49 दिल्ली 10 बिहार 02 तमिलनाडु 11 हरियाणा 04 कर्नाटक 04 गुजरात 04 आंध्र प्रदेश 02 छत्तीसगढ़ 03 उत्तराखण्ड 02 चंडीगढ़ 02 अरुणाचल प्रदेश 01 वेस्ट बेंगाल 02 आदि मिलाकर के कुल 123 अभियोग मैं अभियुक्त वांछित है | उत्तराखण्ड राज्य में ही 37 मामलों में अभियुक्त की संलिप्तता पाई गई है |*

*गिरफ्तार अभियुक्तः-*
1- प्रशान्त कष्टवाल पुत्र कृपाराम कष्टवाल निवासी एल0आई0जी0-479 नालंदा परिसर केसर बागरोड इन्दौर मधयप्रदेश – उम्र 29 वर्ष ।

*कुल बरामदगी¬-*
1- 01 मोबाईल फोन मय 03 सिम कार्ड।
2- 01 आधार कार्ड।
3- 01 पैन कार्ड।
4- 01 चैक बुक।

*पुलिस टीमः-*
1- निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल
2- हे0कानि0 पवन कुमार
3- कानि0 पवन पुण्डीर
4-कानि0 सोहन बडोनी

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड  आयुष अग्रवाल* द्वारा जनता से अपील की है कि ऑनलाईन जॉब हेतु किसी भी फर्जी वेबसाईट, मोबाईल नम्बर, लिंक आदि का प्रयोग ना करें। किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु आवेदन करने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें । इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है।

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