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क्या जेपी नड्डा को केंद्र में लाने की है तैयारी? इन नेताओं का बढ़ाया जा सकता है कद , पार्टी इन पर खेल सकती है राष्ट्रीय अध्यक्ष का दाव

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भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा को लोकसभा चुनावों तक के लिए जून तक का सेवा विस्तार दिया गया था। अब लोकसभा चुनावों के समापन के साथ ही उन्हें पद से हटाए जाने की चर्चाएं होने लगी हैं। चर्चा है कि नई सरकार के गठन के बाद ही उन्हें पद से हटा दिया जाएगा। उन्हें केंद्र सरकार में लाकर बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाल चुके थे। चर्चा है कि अब उन्हें एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री या इसी तरह की कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं, मनसुख मंडाविया को गुजरात में बड़ा पद देने की संभावना जताई जा रही है। यदि गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर कोई बदलाव होता है, तो भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बेहद भरोसेमंद होने के नाते मनसुख मंडाविया उसके बड़े दावेदार हो सकते हैं।

नड्डा के हटने की संभावना के बीच पार्टी के अगले अध्यक्ष के नाम पर भी विचार तेज हो गया है। भाजपा के अंदर चर्चा है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें मध्यप्रदेश में प्यार से लोग ‘मामा’ कहते हैं, को पार्टी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। बेहद सौम्य स्वभाव के शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटाने पर बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई थी, लेकिन इसके बाद भी शिवराज सिंह चौहान ने जमकर पार्टी के लिए काम किया और राज्य की सभी 29 सीटों पर जीत दिलाकर मोदी सरकार को मजबूत करने का काम किया है।

यदि मध्यप्रदेश में पार्टी को झटका लगता, तो वर्तमान में भाजपा की सरकार बनने में भी मुश्किलें सामने आ सकती थीं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद भी भाजपा के लिए लगातार ईमानदारी से काम करने का उन्हें बड़ा इनाम मिल सकता है। उन्होंने पार्टी की सदस्यता अभियान में महत्त्वपूर्ण सफलता दिलाकर भी अपनी सांगठनिक क्षमता दिखाई थी।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, इस बार पार्टी में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है। इसमें पार्टी के अध्यक्ष पद पर बदलाव के साथ-साथ कई प्रदेशों में अध्यक्ष पद पर भी बदलाव हो सकता है। हरियाणा, झारखंड, दिल्ली और महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बड़ा बदलाव हो सकता है।चूंकि, नई मोदी सरकार में एनडीए के सहयोगी दलों का दावा ज्यादा मजबूत रहने की संभावना है, इसका सीधा असर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सरकार में भूमिका प्रभावित हो सकती है। कई बड़े नेताओं को सरकार से संगठन में भेजा जा सकता है तो कुछ को सरकार में लाया जा सकता है।

एनडीए के सबसे बड़े सहयोगी बनकर उभरी टीडीपी के द्वारा सड़क परिवहन मंत्रालय की मांग को भी भाजपा की आंतरिक राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि नितिन गडकरी को केंद्र से हटाकर महाराष्ट्र राज्य में बड़ी जिम्मेदारी देने की सोच के चलते टीडीपी से इस तरह की मांग कराई गई है। यदि ऐसा होता है तो भाजपा में बड़ा बदलाव होना तय है।

आरएसएस सक्रिय 
नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान को आरएसएस से संबंध काफी अच्छे बताए जाते हैं। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में अपनी उपेक्षा के बाद संघ भी सक्रिय हो गया है। वह नई सरकार के गठन के साथ ही भाजपा संगठन में भी बड़े बदलाव को हरी झंडी दे सकता है। इसमें अपने मनमुताबिक नेता को पार्टी के अध्यक्ष पद पर बढ़ावा देने के साथ-साथ यूपी और महाराष्ट्र में पार्टी को मजबूती देने के लिए बड़े कदम उठा सकता है।

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