
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जो अपने पुत्र वीरेंद्र रावत को हरिद्वार से पार्टी टिकट दिला लाए और अब जोर शोर से चुनाव प्रचार मे लगे है ।
पूरे हरिद्वार लोकसभा मे इस वक्त चरचा का विषय ये ही की आखिर मनमोहन सरकार मे कैबिनेट मंत्री और फिर मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत जिनका परिवार करोड़ो की अकूत संपत्ति का मालिक है और इतना ही नही मुख्यमंत्री रहते जो जो हरदा के बेहद करीबी और सलाहकार रहे वो भी सब के सब करोड़ों की अकूत संपतियो के मलिक है।
तो हरीश रावत को बेटे के लिए चंदा क्यू मांगना पड़ रहा है।
क्या हरिद्वार की जनता की आंखों मे मिर्च डालकर ये दिखाने का प्रयास है की हम कंगाली के हालात मे है या फिर जनता के ही पैसे से अपने बेटे को चुनाव लडाना चाहते है हरीश रावत अगर इनकी और इनके करीबियो की संपत्ति की जानकारी भी साझा करनी पड़े तो वो भी जल्द ही भारत न्यूज़ फर्स्ट पर की जाएगी।
लेकीन सोचने का विषय ये है की हरदा खुद को कंगाल दिखाते दिखाते शायद ये भूल गए की किन किन पदों पर वो रह चुके है और सपथ पत्र मे वो पहले कितनी संपत्ति दर्शा चुके है।
हरीश रावत और वीरेंद्र रावत की ज़िन्दगी से जुड़े और भी बड़े खुलासे और कांग्रेस के होडिंग माफिया का काला सच जल्द पढ़े भारत न्यूज़ फर्स्ट पर।